महाशिवरात्रि के दिन शिव-पार्वती का विवाह हुआ था और इसी पावन दिन शिवज्योति प्रकट हुई थी।
फाल्गुन माह की कृष्ण चतुर्दशी के दिन महाशिवरात्रि होती है, इस दिन शिवभक्त पूरे दिन उपवास रखते हैं और शिवलिंग पर जल ,केसर ,घी, दूध और विभिन्न प्रकार के फूल चढ़ाते हैं। इस व्रत को रखने वाले भक्तों का हर ग्रह का दुष्प्रभाव छूट जाता है। जो भी इस दिन शिव-पार्वती के लिए व्रत रखता है उसके घर -परिवार में हमेशा सुख-शांति और समृद्धि के साथ लक्ष्मी का वास रहता है।
इस दिन शिव-पार्वती का विवाह हुआ था और इसी पावन दिन शिवज्योति प्रकट हुई थी।
उदयातिथि पर रखा जाता है व्रत
चतुर्दशी तिथि 17 फरवरी की रात 8 बजकर 02 मिनट से प्रारंभ होगी और 18 फरवरी की शाम 4 बजकर 18 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में सारे व्रत त्योहार उदयातिथि से प्रारंभ होते हैं ऐसे में शिवरात्रि का व्रत शनिवार यानी कि 18 फरवरी को ही रखा जाएगा।
व्रत का पारण काल 19 फरवरी की सुबह 06:57 AM बजे से दोपहर 3:33 PM तक है।
महाशिवरात्रि की पूजा करने से लड़कियों को मनचाहे पति की प्राप्ति होती है और जो सुहागिन महिलाएं इस व्रत को करती हैं, उन्हें अखंड सौभाग्य का आशीष मिलता है। कुछ लोग तो इस दिन निर्जला व्रत रखते हैं तो वहीं कुछ लोग फल खाकर शिवरात्रि का उपवास करते हैं।
इस दिन शिव को बेल पत्र, धतूरा, सफेद चंदन, इत्र, जनेऊ, फल और मिठाइयों का भोग लगाया जाता है, वैसे तो इस दिन शिव जी की खास पूजा होती है लेकिन अगर इस दिन आप शिव-पार्वती की पूजा जोड़े में या फिर शिव की पूजा के बाद मां पार्वती की पूजा करें तो खास फल की प्राप्ति होती है।
भिन्न ग्रहो की शांति के लिए सटीक उपाय जो शिवरात्रि को किये जाते है। .
कुंडली में सूर्य से संबंधित कष्ट है तो आपको शिवलिंग पूजन आक के पुष्पों-पत्तों एवं बिल्व पत्रों से करने से लाभ होता है। शिव चालीसा का पाठ करे।
चंद्रमा से संबंधित बीमारी या कष्ट जैसे, खांसी, जुकाम, निमोनीया, मन परेशान, आदि हैं तो शिवलिंग पर दूध चढ़ाए और रुद्राष्टक का पाठ करें. इससे इन रोगों से छुटकारा पाने में मदद मिलती है। शिव पंचाक्षर स्त्रोत का पाठ करे।
मंगल से संबंधित बीमारी जैसे रक्त संबंधित है तो दूध में केसर मिला कर अर्पित करे। शिव तांडव का पाठ करे।
बृहस्पति से संबंधित बीमारी जैसे- चर्बी, आंतें, लीवर की समस्या हो तो शिवलिंग पर हल्दी मिश्रित दूध चढ़ाये। रूद्र अभिषेक करे।
शुक्र से संबंधित बीमारी शुक्राणु से संबंधित समस्या, मलमूत्र, शारीरिक शक्ति है तो उसके उपाय के लिए पंचामृत, शहद, घृत से शिवलिंग का अभिषेक करें। शिव सहस्र का पाठ करे।
शनि से संबंधित सभी मांस पेशियों का दर्द, जोड़ों का दर्द, वायु रोग, लकवा या पीड़ा दायक रोगों की समस्या होने पर उसके उपाय के लिए- गन्ने के रस व छाछ से शिविलिंग का अभिषेक करें। ॐ नमः शिवाय का पाठ करे।
राहु-केतु से संबंधित बीमारी जैसे सिर चकराना, मानसिक परेशानी, उल्टी, दस्त अपच, पेट में या दिमाग में किड़े होना, कलर ब्लाइन्ड्नेस समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए शिवलिंग पर गन्ने का रस व छाछ अर्पित करें और महामृत्युंजय का जाप करें।
पंडित डॉ. मनीष शर्मा
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बाबा पंडित
18 फरवरी शिवरात्रि , कैसे करे ग्रहों की शांति महाशिवरात्रि के दिन
- 18 Feb 2023