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भिण्ड

2 लाख की चोरी, 98 दिन बाद एफआइआर

  • 19 Feb 2024

हेल्पलाइन, एसपी से शिकायत, 20 बार थाने के चक्कर काटे; ळक बदले तो केस दर्ज
भिंड। भिंड में 18 अक्टूबर 2023 का दिन.. एक युवक की बाइक से 1.87 लाख की दिनदहाड़े चोरी होती है। एफआइआर  कराने दो बार सीएम हेल्पलाइन में शिकायत, एसपी और 20 बार थाना के चक्कर लगाए। जब थाने के टीआई बदले तो चोरी के 98 दिन बाद मामला दर्ज हो सका।
एफआइआर कराने को लेकर दोनों टीआई और फरियादी के भी अलग-अलग तर्क हैं। पुराने टीआई का कहना है कि वह मामला दर्ज करना चाहते थे, फरियादी खुद ही नहीं चाहता था। नवागत टीआई का कहना है कि मामला पुराना है, लेकिन जैसे ही इसकी जानकारी मिली उन्होंने चोरी की एफआइआर  दर्ज करवा दी। वहीं, फरियादी का आरोप है कि उसे एफआइआर  कराने के लिए 98 दिनों का संघर्ष करना पड़ा, तब जाकर मामला दर्ज हो सका।
फरियादी की जुबानी जानते हैं 98 दिनों के संघर्ष की पूरी कहानी
भिंड जिले के मिहोना थाना क्षेत्र के अचलपुरा गांव में रहने वाले वीरसिंह यादव के बाइक में रखे 1.87 लाख रुपए अज्ञात चोरों ने पार कर दिए थे। उन्होंने रिपोर्ट मिहोना थाने में लिखाना भी चाही। पुलिस ने फरियादी की रिपोर्ट 98 दिन तक नहीं लिखी। पीड़ित ने एक बार सीएम हेल्पलाइन लगाई तो पुलिस ने दबाव बनाकर वापस करवा दी।
फरियादी को अपनी रिपोर्ट थाने में दर्ज कराने के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगा दिया। जब उसकी फरियाद की सुनवाई नहीं हुई तो उसने दूसरी बार सीएम हेल्पलाइन लगाई। चोरी की रिपोर्ट के लिए पीड़ित को लंबे समय तक सरकारी सिस्टम से लड़ाई लड़नी पड़ी, तब जाकर मामला दर्ज हो सका।
पुलिस ने कहा, चार-पांच दिन बाद होगी रिपोर्ट
वीरसिंह का कहना है कि पुलिस ने मौका-मुआयना करने के बाद मामले को टाल दिया। इस दौरान उन्होंने यह कहते हुए टाल दिया कि तीन-चार दिन में रिपोर्ट लिख ली जाएगी। इसके पांच दिन बाद थाने पहुंचा, फिर मुझे चार से पांच दिन का आश्वासन दे दिया। इसके बाद मैं थाने जाता तो टीआई मेरी बात सुनते और किसी भी जवान को बोलते कि इनकी बात सुन लो। इसके बाद थाने का एक जवान बात सुनता और कह देता अभी आप जाइए मैं पड़ताल करवाता हूं। इस तरह तीन से चार बार चला। ऐसा कई बार चला, पुलिस वालों को फरियाद सुनाते और अनसुना कर वापस भेज देते।
मैं समझ गया कि पुलिस मेरी रिपोर्ट लिखने वाली नहीं है। इसके बाद मैंने सीएम हेल्पलाइन लगा दी। करीब डेढ़ महीने बाद पुलिस ने जबरन सीएम हेल्पलाइन वापस करवा दी और कहा कि तुम्हारी रिपोर्ट लिख ली जाएगी। इस पर मुझे विश्वास हो गया कि अब मेरी फरियाद सुनी जाएगी। इसके बाद फिर मैं थाने पहुंचा तो कोई सुनवाई करने को तैयार नहीं।