बड़वानी। बड़वानी में इन दिनों भविष्य यानी मासूम संकट में है। उन्हें वायरल ने घेर रखा है। मौसम के बदलाव के कारण बीमारी का असर देखा जा रहा है। हालत ये है कि जिला अस्पताल के शिशु वार्ड में सोमवार को 46 बच्चे भर्ती थे, जबकि वार्ड में सिर्फ 20 बेड हैं। ऐसे में वार्ड व बाहर परिसर में जमीन पर गद्दा डालकर बच्चों को भर्ती किया जा रहा है। ज्यादातर बच्चों में सर्दी-खांस की शिकायत है। शिशु रोग विशेषज्ञ मौसमी वायरल फीवर का असर बता रहे हैं।
कोरोना की तीसरी लहर सितंबर में आने की आशंका जताई जा रही है। इसका सबसे ज्यादा असर बच्चों पर बताया जा रहा है। वहीं, अभी बच्चों को भर्ती करने के लिए जिला अस्पताल के पास पर्याप्त बेड नहीं है। ऐसे में तीसरी लहर से निपटने की हकीकत का अंदाजा लगाया जा सकता है।
जिला अस्पताल में 1 अगस्त से 22 अगस्त तक 393 बच्चे भर्ती हुए हैं। सोमवार को 46 बच्चे भर्ती थे। अस्पताल में अपने बच्चे को लेकर आए घासीराम ने बताया, 4 साल के लड़के को बुखार आने के साथ पैर में फुंसियां हो रही हैं। गांव की ही संगीताबाई ने 7 महीने के बच्चे को बुखार आने के बाद सांस लेने में तकलीफ है। 4 दिन से अस्पताल में भर्ती हैं। बच्चे को ऑक्सीजन दी जा रही है।
बच्चों में मौसम का असर
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. अरविंद सत्य ने बताया कि बच्चों में मौसमी वायरल का असर है। मंगलवार को मेल मेडिकल वार्ड को ्रहृरूञ्जष्ट में शिफ्ट करेंगे, ताकि मेल मेडिकल वार्ड में बच्चों को भर्ती कर इलाज दिया जा सके।
बड़वानी
20 बेड वाले चिल्ड्रन वार्ड में 46 बच्चे भर्ती
- 24 Aug 2021