चंडीगढ़। अमृतसर के जंडियाला गुरु केंद्र में गेहूं घोटाले की प्राथमिक जांच पूरी हो गई है। जांच में डीएफएसओ और एएफएसओ दोषी साबित हुए हैं। खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री भारत भूषण ने दोनों के तत्काल निलंबन के निर्देश दिए हैं। साथ ही अमृतसर के दो और डीएफएससी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करते हुए चार्जशीट जारी करने के निर्देश दिए हैं। खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री भारत भूषण ने कहा है कि मामले में दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। गेहूं के गोदामों में स्टाक की कमी का खुलासा तब हुआ जब चंडीगढ़ से पहुंची अधिकारियों की पांच टीमों ने जंडियाला गुरु के आठ गोदामों में रखे स्टाक की फिजिकल वेरिफिकेशन किया। आनन-फानन जिला खाद्य आपूर्ति कंट्रोलर राज ऋषि मेहरा ने शुक्रवार रात गायब हुए इंस्पेक्टर जसदेव सिंह के खिलाफ जंडियाला गुरु थाने में एफआईआर दर्ज करवा दी गई। इसके बाद खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के मुख्यालय द्वारा जंडियाला गुरु में तैनात निरीक्षक, जसदेव सिंह के अचानक लापता होने के बारे में सूचना मिलने पर तुरंत मुख्यालय की सेंट्रल विजिलेंस कमेटी (सीवीसी) को टीमों का गठन करके जंडियाला गुरु में पनग्रेन के गोदामों, पलिंथों की फिजिकल वेरिफिकेशन के लिए कहा गया। सीवीसी द्वारा अलग-अलग टीमों का गठन करके पड़ताल की गई, जिसकी प्राथमिक रिपोर्ट के अनुसार जंडियाला गुरु केंद्र में साल 2018-19, 2020-21 और 2021-22 केंद्रीय पूल और डीसीपी गेहूं के स्टॉक में 184344 बोरियां की कमी पाई गईं, जिसकी कीमत तकरीबन 20 करोड़ रुपये बनती है।
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चंडीगढ़
20 करोड़ के गेहूं घोटाले में दोषी साबित डीएफएसओ और एएफएसओ, किया निलंबित
- 10 Aug 2021