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भोपाल

2000 करोड़ का कर्ज लेगी डॉ. मोहन सरकार

  • 23 Dec 2023

लाड़ली बहना समेत अन्य योजनाओं के लिए पड़ी जरूरत; पहले ही बजट से ज्यादा है कर्ज
भोपाल। प्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार बाजार से पहली बार दो हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेने जा रही है। कर्ज की ये राशि मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना समेत अन्य योजनाओं पर खर्च की जाएगी। यह कर्ज 26 दिसंबर को आरबीआई के माध्यम से लेने के लिए बिडिंग होगी और 27 दिसंबर को सरकार को यह पैसा मिलेगा। बता दें, मप्र पर बजट से ज्यादा कर्ज पहले से है।
एक माह के भीतर राज्य सरकार द्वारा लिया जाने वाला दो हजार करोड़ रुपए का यह दूसरा कर्ज है। विधानसभा चुनाव परिणामों का ऐलान होने के पहले 28 नवंबर को 2 हजार करोड़ का कर्ज लिया गया था। इस साल जनवरी से अब तक 39,500 करोड़ रुपए का कर्ज लिया जा चुका है।
कर्ज के लिए नोटिफिकेशन जारी
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लाड़ली बहना योजना को लेकर कांग्रेस द्वारा की जाने वाली घेराबंदी के चलते साफ किया है कि योजना बंद नहीं होगी। इसका पैसा समय पर हितग्राहियों के खाते में भेजा जाएगा। इसके बाद वित्त विभाग ने बुधवार को दो हजार करोड़ रुपए कर्ज लेने के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया।
गुरुवार को सीएम डॉ. यादव ने राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान दोहराया था कि सरकार कोई योजना बंद नहीं करेगी। सभी योजनाओं के लिए तय समय पर राशि भेजी जा रही है।
अकेले 1600 करोड़ लाड़ली बहनों के खाते में जाएंगे
वित्त विभाग के नोटिफिकेशन के मुताबिक रिजर्व बैंक के माध्यम से नई सरकार में पहला कर्ज लिया जाएगा। दो हजार करोड़ रुपए का यह कर्ज 16 साल के लिए लिया जा रहा है, जिसकी अदायगी 26 दिसंबर 2039 तक करना है।
विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के चुनावी मुद्दा बनाए जाने के चलते राज्य सरकार ने नवंबर महीने में शुरूआत में कर्ज नहीं लिया था, लेकिन काउंटिंग के पांच दिन पहले 28 नवंबर को दो हजार करोड़ का कर्ज सरकार को लेना पड़ा था। बताया जाता है कि अकेले 1600 करोड़ रुपए लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत 1.31 करोड़ बहनों के खाते में ट्रांसफर किए जाएंगे। तत्कालीन शिवराज सरकार ने इसके लिए 10 तारीख तय कर रखी थी। नई सरकार ने अभी इस तारीख में बदलाव नहीं किया है।
आचार संहिता लागू होने के बाद लिया था 3 बार कर्ज
मध्यप्रदेश में 9 अक्टूबर को चुनावी आचार संहिता लागू हुई थी। इसके बाद तत्कालीन शिवराज सिंह चौहान सरकार ने अक्टूबर महीने में ही तीन बार में 4 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। इसके पहले सितंबर महीने में राज्य सरकार ने घोषणाओं के क्रियान्वयन समेत कर्मचारियों और अन्य वर्गों को दी जाने वाली सेवाओं के लिए 4500 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था।