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इंदौर

2003 में विश्व बैंक से लिए गए लोन के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के लिए बने मुश्किल हालात

  • 19 May 2023

 सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र से जुड़े सारे कानून बदल दिए - अशोक राव
इंदौर । वामपंथी विचारक अशोक राव ने कहा है कि वर्ष 2003 में विश्व बैंक से भारत के द्वारा लिए गए लोन के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के लिए मुश्किल हालात बन गए । सरकार के द्वारा इसके बाद सार्वजनिक क्षेत्र से जुड़े सभी कानूनों को बदल दिया गया ।
राव आज यहां अभ्यास मंडल के द्वारा आयोजित 62 मी ग्रीष्मकालीन व्याख्यानमाला के छठे दिवस संबोधित कर रहे थे । उनका विषय था सार्वजनिक स्वामित्व वाली संपत्तियों के निजीकरण के खतरे व प्रभाव । विषय की विमांसा करते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 2003 में जब देश के वित्त मंत्री के रूप में मनमोहन सिंह ने जाकर विश्व बैंक से स्ट्रक्चरल एडजस्टमेंट लोन लिया तो उसके बाद में सार्वजनिक क्षेत्र के हालात बदलने लगे । सरकार की ओर से अब सभी सार्वजनिक क्षेत्रों का लाभ और हानि के रूप में उनका आंकलन किया जाने लगा है जबकि हमारे संविधान में यह स्पष्ट तौर पर लिखा हुआ है कि इन सार्वजनिक उपक्रम को लाभ और हानि में नहीं देखा जाएगा । उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा एक - एक करके सारे सेक्टर को निजी क्षेत्र के हाथ में सौपने का अभियान चलाया गया । हमारे देश में आज 90% लोगों की मासिक आय ?25000 से कम है और उसी में उन्हें परिवार चलाना होता है । हम यह आसानी से समझ सकते हैं कि मात्र ?25000 में कोई व्यक्ति किस तरह से परिवार का संचालन कर सकता है । वर्तमान में चीन के साथ हमारा चाहे जितना विवाद हो लेकिन यदि हम चीन से आयात को बंद कर दें तो देश में दवाई भी नहीं मिलेगी । देश में दवाई का 60% सामान चीन से ही आता है ।
 उन्होंने कहा कि सरकार ने शिक्षा की पूरी व्यवस्था को निजी क्षेत्र को सौंप दिया है । सार्वजनिक क्षेत्र में कहीं नवोदय स्कूल है, तो कहीं सर्वोत्तम स्कूल है तो कहीं मॉडल स्कूल है । इतने अलग-अलग नाम के स्कूल क्यों हैं ? स्वास्थ्य के क्षेत्र की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि पूर्व में डॉक्टर के पास जाते थे तो डॉक्टर हमारा परीक्षण करता था और उसके बाद में दवाई लिखता था । आज स्थिति यह है कि हम डॉक्टर के पास जाते हैं तो डॉक्टर हमारी बात सुनता है और एक कागज पर बहुत सारी जांच करने के लिए लिख देता है । वह कोई परीक्षण नहीं करता है । जब हम जांच कराने के बाद वापस जाते हैं तब भी डॉ जांच की रिपोर्ट को देखता है और उसके आधार पर दवाई लिख देता है । आज का कार्यक्रम अभ्यास मंडल के संस्थापक सदस्य कामरेड बसंत शिंत्रे को समर्पित था । कार्यक्रम का संचालन सुरेश उपाध्याय ने किया । अतिथि को स्मृति चिन्ह पूर्व सांसद एवं पूर्व आयुक्त सीबी सिंह ने भेंट किया । अंत में आभार प्रदर्शन आलोक खरे ने किया ।