भोपाल। राजधानी के 23 थानों में ऐसे 1150 वाहन जंग खाकर कंडम होने की कगार पर हैं। बीते दो साल में भोपाल पुलिस करीब 1800 वाहनों को नीलाम कर सरकार के खाते में 38 लाख रुपए जमा करवा चुकी है। यानी हर वाहन औसतन 2200 रुपए का बिका।
फिलहाल इन थानों में खड़े वाहनों को यदि कबाड़ के भाव से भी बेचा जाए तो करीब 25.30 लाख रुपए का राजस्व जमा हो सकता है। 25 पुलिस एक्ट में जब्त सबसे ज्यादा 107 वाहन मिसरोद थाने में ही कबाड़ हो रहे हैं। हर एक जब्त वाहन को नीलाम करवाने में लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। अब तक 25 पुलिस एक्ट में जब्त हुए वाहन ही नीलाम किए जाते थे। अब 41(1-4) और आबकारी एक्ट में जब्त हुए वाहनों को भी नीलाम किया जा रहा है। इनमें से कुछ वाहन 1999 से यहां हैं।
इसलिए पड़े-पड़े कबाड़ हो रहे, 4 मुख्य वजह
1.इंफ्रास्ट्रक्चर -थानों में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर न होने से वाहनों को खुले में रखना पड़ता है। 2. गैरजिम्मेदारी -वाहनों की देखरेख की जिम्मेदारी थाने के मालखाना मुंशी की होती है। 3. गैरजिम्मेदारी -वाहनों की देखरेख की जिम्मेदारी थाने के मालखाना मुंशी की होती है। 4. रिकॉर्ड नहीं -विवेचना अधिकारी वाहनों पर अपराध क्रमांक व जब्ती की जानकारी नहीं लिखते।
भोपाल
23 थानों में खड़े-खड़े कंडम हो रहे 1150 वाहन, कबाड़ के भी भाव बेचें तो मिलेंगे 25 लाख
- 06 Dec 2021