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भोपाल

25 में 65 की बीमारी:युवाओं की आंखों में आ रहा पानी

  • 05 Oct 2024

ऑब्जेक्ट हिलते हुए दिख रहे; डॉक्टर्स का कहना है- हर महीने 15-20 मरीज आ रहे
भोपाल। भोपाल में सेंट्रल सीरस रेटिनोपैथी (सीएससीआर) के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। खासकर युवाओं में यह सामने आ रही है जो कि पहले आमतौर पर बुजुर्गों में पाई जाती थी। इस बीमारी का शिकार बांग्लादेशी ऑलराउंडर शाकिब अल हसन भी हैं, जो इस समय नेक स्ट्रेप पहनकर खेल रहे हैं।
शाकिब की बाईं आंख में सीएसआर के कारण उन्हें धुंधला दिखने और ऑब्जेक्ट्स के हिलते हुए नजर आने जैसी समस्याएं हो रही हैं। हमीदिया अस्पताल के रेटिना क्लिनिक में हर महीने 15 से 20 नए मरीज इस बीमारी से पीडि़त आ रहे हैं। इनमें 50त्न युवा होते हैं। डॉक्टर्स के अनुसार, बढ़ते तनाव, डायबिटीज और हाई बीपी इसके प्रमुख कारण हैं।
क्या है सेंट्रल सीरस रेटिनोपैथी, कैसे होता है इलाज
नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. एसएस कुबरे बताते हैं कि सीएससीआर में रेटिना के पीछे मौजूद ब्लड वैसल्स के बीच की परत के फटने से लिक्विड का रेटिना में रिसाव होता है। इससे दृष्टि प्रभावित होती है। कई मामलों में यह स्थिति स्थायी दृष्टि हानि का कारण बन सकती है। सेंट्रल सीरस रेटिनोपैथी (सीएससीआर) का दो तरह से इलाज किया जाता है। बीमारी की जानकारी मिलते ही इंट्र विट्रल इंजेक्शन यानि आंखों के भीतर इंजेक्शन लगाए जाते हैं।
निदान और इलाज
डॉ. केके अग्रवाल बताते हैं कि सीएसआर के इलाज के लिए इंट्र विट्रल इंजेक्शन का उपयोग किया जाता है, जिसमें 30-45 दिनों के अंतराल पर 6-7 इंजेक्शन लगाए जाते हैं। इसके अलावा, लेजर प्रक्रिया से भी जमा लिक्विड को हटाया जा सकता है।
स्टेरॉइड दवाओं से भी होती है यह स्थिति
डॉक्टर्स के अनुसार कॉर्टिकोस्टेरॉइड दवाओं का उपयोग या इनके संपर्क में आने से यह बीमारी शुरू हो सकती है या बिगड़ सकती है। इन दवाओं का उपयोग एलर्जी, त्वचा की सूजन और कई अन्य बीमारियों के इलाज में किया जाता है। यहां तक कि साधारण नाक स्प्रे या स्किन क्रीम में भी कॉर्टिकोस्टेरॉइड हो सकते हैं। इसके अलावा, भावनात्मक तनाव या ‘टाइप ए’ व्यक्तित्व (जिन्हें अधिक तनाव महसूस होता है) वाले लोगों में भी इस बीमारी का खतरा अधिक देखा गया है।
तीन तरह का होता है सीरस रेटिनोपैथी
सीएसआर -सेंट्रल सीरस रेटिनोपैथी में आंखों के बीच लिक्विड जमा होने से परेशानी होती है ।
एआरएमडी -एज रिलेटेड मस्कुलर डी अटैचमेंट, यह उम्र के साथ आंखों में होने लगती है।
सीआरडी -सीरस रेटिना डिटैचमेंट, चोट या ऑपरेशन के बाद यह स्थिति बन जाती है।