Highlights

भोपाल

29 विधायकों पर आपराधिक मामलों में आरोप तय

  • 02 Nov 2023

24 चुनावी मैदान में; 6 माह से 2 साल तक सजा का प्रावधान
भोपाल। मध्यप्रदेश के मौजूदा 29 विधायकों पर चल रहे आपराधिक प्रकरणों में कोर्ट ने आरोप तय कर दिए हैं। इनमें कांग्रेस के सबसे ज्यादा 16 जबकि भाजपा के 12 और बसपा से एक विधायक शामिल हैं। इन्हें 2 साल तक की सजा हो सकती है। इन विधायकों ने अपने खिलाफ चल रहे मामलों की जानकारी 2018 के विधानसभा चुनाव और 2020 के उपचुनाव में अपने नामांकन पत्र के साथ दिए शपथ पत्र में दी थी। इन्हीं शपथ पत्रों की जांच कर एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉम्र्स और इलेक्शन वॉच ने बुधवार को एक रिपोर्ट जारी की है।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से 10 विधायकों के खिलाफ ये मामले 10 साल या इससे अधिक समय से लंबित हैं। बाकी 19 विधायकों पर करीब 6 साल पहले मामले दर्ज किए गए थे। एडीआर ने पिछली रिपोर्ट में जानकारी दी थी कि वर्तमान विधानसभा के 93 विधायकों के विरुद्ध अलग-अलग न्यायालयों में केस दर्ज हैं। इन्हीं में से 29 पर आरोप तय कर दिए गए हैं।
इन विधायकों पर मर्डर, रेप, डकैती, लूट, अपहरण, महिलाओं पर अत्याचार, रिश्वत लेने जैसे गंभीर किस्म के मामले दर्ज हैं। कुछ पर धर्म, नस्ल, भाषा के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता, भ्रष्टाचार, मनी लॉन्ड्रिंग, अवैध कब्जा, परिवहन, फेरा, जमाखोरी, मुनाफाखोरी से संबंधित अपराध कायम किए गए हैं।
इन माननीयों पर कोर्ट ने तय कर दिए हैं आरोप
जिन 29 विधायकों पर कोर्ट में चल रहे प्रकरणों के आधार पर आरोप तय हुए हैं, उनमें भाजपा से मंत्री राजेंद्र शुक्ला (रीवा), रामखेलावन पटेल (अमरपाटन), कमल पटेल (हरदा), प्रद्युम्न सिंह तोमर (ग्वालियर) शामिल हैं। वहीं, विधायक विक्रम सिंह विक्की (रामपुर बघेलान), अनिरुद्ध माधव मारू (मनासा), राम डांगोरे (पंधाना), पारस जैन (उज्जैन उत्तर), प्रणय प्रभात पांडेय (बहोरीबंद), केपी त्रिपाठी (सेमरिया), जालम सिंह पटेल (नरसिंहपुर), प्रहलाद लोधी (पवई) के नाम भी इस सूची में हैं।
कांग्रेस के जिन पर आपराधिक प्रकरणों में आरोप तय किए जा चुके हैं, उनमें सोहन लाल बाल्मीक (परासिया), घनश्याम सिंह (सेवढ़ा), विक्रम सिंह नाती राजा (राजनगर), नर्मदा प्रसाद प्रजापति (गोटेगांव), प्रताप ग्रेवाल (सरदारपुर), जितेंद्र पटवारी (राऊ), महेश परमार (तराना), सुखदेव पांसे (मुलताई), सुनीता पटेल (गाडरवारा), कुणाल चौधरी (कालापीपल), सचिन बिरला (बड़वाह, अब भाजपा में), दिलीप गुर्जर (नागदा खाचरोद), राकेश मावई (मुरैना), रामचंद्र दांगी (ब्यावरा), विपिन वानखेड़े (आगर मालवा), अजब सिंह कुशवाह (सुमावली) शामिल हैं। इसके अलावा पथरिया से बसपा विधायक रामबाई सिंह के विरुद्ध भी आरोप तय हो चुके हैं।
इन 29 विधायकों में कांग्रेस के 16, बीजेपी के 12 और बीएसपी का एक  शामिल है। बीजेपी ने अपने 12 में से 3 विधायक- राम डांगोरे, पारस जैन, जालम सिंह पटेल के टिकट काटे हैं। वहीं, कांग्रेस ने राकेश मावई, रामचंद्र दांगी को चुनावी मैदान में नहीं उतारा है। सचिन बिरला कांग्रेस छोडक़र भाजपा में शामिल हो चुके हैं। उन्हें मिलाकर 24 विधायक फिर चुनाव लड़ रहे हैं।
एडीआर और इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट के अनुसार, इन विधायकों के विरुद्ध लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8(1), 8(2), 8(3) के अंतर्गत आरोप तय किए गए हैं। दोषी ठहराए जाने पर 6 माह से दो साल तक की सजा का प्रावधान है। ये विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य भी घोषित किए जा सकते हैं।