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भोपाल

3 पुलिसकर्मियों को जेल

  • 18 Aug 2021

भोपाल। पद का दुरुपयोग कर अमेरिका में रहने वाली एनआईआर महिला डॉक्टर और उसकी मां को 2012 में गैरकानूनी तरीके से गिरफ्तार करने के मामले में तीन पुलिसकर्मियों को मंगलवार को कोर्ट ने जेल भेज दिया। मामले में चौथे आरोपी तत्कालीन साइबर सेल डीएसपी दीपक ठाकुर (वर्तमान में एएसपी) कोर्ट में पेश नहीं हो सके। ठाकुर को लेकर बुधवार को फैसला होगा। एसपी लोकायुक्त मनु व्यास ने बताया कि महिला आरक्षक इरशाद परवीन, आरक्षक सौरव भट्?ट और आरक्षक इंद्रपाल को जेल भेजा गया है। जबकि दीपक ठाकुर मेडिकल फिटनेस की वजह से कोर्ट के समक्ष नहीं पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें बुधवार को पेश होने के आदेश दिए हैं। एसपी ने बताया कि मामले में वर्ष 2015 में लोकायुक्त पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की थी। मंगलवार को चालान पेश किया।
2012 में मां-बेटी को किया था गिरफ्तार
मामले के मुताबिक, रिनी जौहर और उनकी मां गुलशन जौहर मूलत: पूणे की रहने वाली हैं। 27 नवंबर, 2012 को पुणे स्थित उनके घर से मध्यप्रदेश सायबल पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था। इन दोनों पर आरोप लगाया गया था कि कैमरों और लैपटॉप की खरीदारी में हुए 10,500 अमेरिकी डॉलर के लेन-देन में उन्होंने घोखाधड़ी की है। इन दोनों को आईपीसी और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपी बनाकर गिरफ्तारी की गई थी। एफआईआर विक्रम राजपूत नामक व्यक्ति ने कराई थी।
बिना मजिस्ट्रेट के सामने पेश पूणे से भोपाल लाए
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में दोनों महिलाओं का कहना था कि गिरफ्तारी के बाद उन्हें ट्रेन के अनारक्षित डिब्बे में लाया गया था। गुलशन जौहर को ट्रेन के फर्श पर सोने पर मजबूर होना पड़ा। वह भी बिना पानी और खाने के रहने पड़ा। पुलिसकर्मियों ने पुणे में बिना मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किए भोपाल लाया गया था।