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भोपाल

3 साल पहले पूछा था सवाल, मंत्री बनने के बाद भी नहीं मिला जवाब

  • 01 Apr 2022

भोपाल। एमपी अजब है गजब है. लेकिन एमपी के सरकारी सिस्टम ने तो ऐसा गज़़ब ढाया कि मंत्री भी भौंचक रह गए. 3 साल पहले विधायक रहते हुए उन्होंने विधानसभा में जो सवाल पूछा था उसका जवाब आज तक नहीं मिल पाया. इस दौरान वो विधायक से मंत्री भी बन गए लेकिन सरकारी सिस्टम वही ढांक के तीन पात.
आज के कृषि मंत्री कमल पटेल 2019 में बीजेपी विधायक थे. उन्होंने तब कमलनाथ सरकार के दौरान विधानसभा में किसानों से जुड़ा सवाल पूछा था. उस वक्त तो जवाब नहीं मिला. इस बीच प्रदेश में सत्ता बदल गयी वो विधायक से खुद उसी महकमे यानि कृषि विभाग के मंत्री बन गए लेकिन विभाग के अफसर अभी तक उनके सवाल का जवाब नहीं ढूंढ पाए.
ये है सरकारी सिस्टम का हाल
यह दिलचस्प खबर है. लेकिन इस दिलचस्प खबर से आप सरकार के सिस्टम को भी आसानी से समझ पाएंगे. पूरी खबर समझने के लिए हम आपको बताते हैं कि जुलाई 2019 में प्रदेश में तत्कालीन कमलनाथ सरकार से बीजेपी विधायक कमल पटेल ने किसान कर्ज माफी को लेकर सवाल पूछा था. जुलाई 2019 के बजट सत्र में पटेल ने बिंदुवार सरकार से जानकारी मांगी थी. उन्होंने पूछा था
-कमलनाथ सरकार के किसान कर्जमाफी का क्या हुआ?
-प्रदेश में किस-किस जिले में कितने किसानों का एक रुपए से लेकर दो लाख तक का कर्जा माफ हुआ?
- एमपी के किस जिले में कुल कितने किसानों पर किस बैंक का कितना कर्ज बाकी है? एक रुपए से लेकर ?200000 और उससे ज्यादा के कर्ज वाले किसानों की जिलेवार जानकारी दें.
-कमल पटेल ने सरकार से पूछा था कि जय किसान ऋण माफी योजना के तहत कुल किसानों के खाते में कितनी राशि जमा कराई गई है? जिलेवार इसकी जानकारी दें.
-किसानों की ऋण राशि एक लाख से दो लाख तक किस-किस जिले में कितने किसानों के खाते में डाली गई बैंक वार इसकी जानकारी दें.
मध्य प्रदेश में कितने किसानों पर कुल कितना कर्ज है और मध्यप्रदेश शासन ने दिनांक 12 जून 2019 तक बजट में कुल कितनी राशि का प्रावधान किया है और कितनी राशि किसानों के खाते में डाली गई है.
सचिन यादव ने कहा था...
बीजेपी विधायक कमल पटेल के इस सवाल पर तत्कालीन कृषि मंत्री सचिन यादव ने विधानसभा में जानकारी दी थी कि सवाल का जवाब जुटाया जा रहा है. इस बीच कमलनाथ सरकार गिर गयी. मार्च 2020 में बीजेपी फिर बीजेपी की सरकार बन गयी और कमल पटेल को कृषि विभाग मिला. हैरत करने वाली बात यह है तब से अब तक विधानसभा के अलग-अलग सत्र में कांग्रेस विधायकों की तरफ से किसान कर्ज माफी को लेकर तकरीबन सौ सवाल लगाए गए. और हर सवाल के जवाब में कृषि मंत्री कमल पटेल का जवाब आया कि जानकारी जुटाई जा रही है. मतलब साफ है जिस सवाल को लेकर बीजेपी कमलनाथ सरकार पर हमलावर थी, खुद उसी सवाल का जवाब वो नहीं ढूंढ पायी है.
एक ही जवाब-जानकारी जुटाई जा रही है
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जब कृषि मंत्री कमल पटेल से सवाल पूछा गया तो वह साफ तौर पर कोई जवाब नहीं दे पाए. पटेल ने पहले इस तरीके के सवाल की जानकारी होने से इनकार किया. लेकिन जब उन्हें 2019 में पूछे गए सवाल की कॉपी दिखाई गई तो उन्होंने कहा किसान कर्ज माफी की व्यापक स्तर पर जानकारी जुटाई जा रही है इसलिए देर हो रही है. लेकिन अगले 1 महीने में जानकारी जुटा ली जाएगी.
हर बार एक ही जवाब
मार्च 2020 में कमलनाथ सरकार को गिराकर सत्ता में आई बीजेपी सरकार ने विधानसभा के पहले सत्र में  27 लाख किसानों के कर्जा माफ होने की जानकारी दी. इस जवाब पर सरकार की काफी किरकिरी हुई. भोपाल से दिल्ली तक जमकर सियासत हुई कि बीजेपी सरकार मान रही है कि कमलनाथ सरकार ने वादे के मुताबिक किसानों का कर्ज माफ किया. इसके बाद बैकफुट पर आई बीजेपी सरकार ने किसान कर्ज माफी से जुड़े हर सवाल के जवाब में सिर्फ जानकारी जुटाई जा रही है ये जवाब दिया.
3 साल में नहीं मिला जवाब
विधानसभा में पूछे जाने वाले हर सवाल के लिए नियम है कि निश्चित समय में विधायक के सवाल का जवाब सदन में आना चाहिए. लेकिन ऐसा हो नहीं रहा. जब कृषि मंत्री का ये हाल है कि तीन साल में वो अपने सवाल का जवाब नहीं तलाश पाए तो बाकी विधायकों और जनता का क्या होता होगा.