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गुना

300 छात्रों से धोखाधड़ी के आरोपी को सजा

  • 06 Feb 2023

मामले में 200 छात्रों की हुई गवाही; आईओ के 40 पेज के बयान
गुना। वर्ष 2013 के जुलाई महीने का समय होगा। गुना, शिवपुरी, राजगढ़, अशोकनगर जिले के सैकड़ों छात्र डीएड (D.ed.) करना चाहते थे। इसी दौरान उन्हें गुना शहर के हनुमान चौराहे के पास संचालित प्रयाग इंस्टीट्यूट की जानकारी मिली। संस्थान विज्ञापन के जरिए भी लोगों को डीएड कराने की जानकारी दे रहा था। सैकड़ों छात्र यहां एडमिशन लेने के लिए पहुंच गए, लेकिन शायद उन्हें यह नहीं पता था कि जिस संस्थान पर भरोसा करके वे अपनी पूंजी डीएड करने के लिए दे रहे हैं, वह उनसे इतना बड़ा धोखा करेगी। न तो उनका डिप्लोमा पूरा हो पाएगा और न ही उन्हें अपने पैसे वापस मिलेंगे। संचालक ने लगभग एक करोड़ रुपए इन छात्रों से जमा कराए थे। चार दिन पहले जब कोर्ट ने इन छात्रों के पक्ष में फैसला देते हुए आरोपी को सजा सुनाई, तो इनके जख्मों पर थोड़ा मरहम जरूर लगा होगा। हालांकि, अब ये सभी छात्र अलग-अलग जगह पर हैं। कोई छोटी-मोटी नौकरी कर रहा है तो कोई संविदा पर काम कर रहा है। गुना के इतिहास में यह पहला केस था, जिसमें 300 पीड़ितों की गवाही कोर्ट में हुई। सुनवाई के दौरान 5 वर्ष तो केवल गवाही में ही लग गए। रोजाना 5-10 पीड़ित गवाही देने पहुंचते थे। तब जाकर सबके बयान दर्ज हो पाए। लगभग 8 वर्ष बाद इस मामले का फैसला आया है। कोर्ट ने आरोपी को 7 वर्ष की कैद और 1.80 लाख का जुर्माना लगाया है।
दरअसल, दिनेश जाटव नामक युवक ने वर्ष 2015 में कोतवाली थाने में एक शिकायत दर्ज कराई। 29 जनवरी को ये शिकायत की गई। शिकायत में उन्होंने बताया कि " उसके द्वारा 20 जुलाई 2013 को प्रयाग इंस्टीट्यूट में डीएड करने के लिए प्रवेश लिया गया। फीस के 5000 रुपए जमा किए। संस्था के संचालक दीपक शर्मा द्वारा एमपी बोर्ड से डीएड करवाने की बात कही गई। मैंने फीस के 15000 एवं 11000 रुपए कुल 31000 रुपए जमा किए थे। दीपक शर्मा द्वारा कुल 62000 रुपए फीस बताई गई थी। परीक्षा जुलाई 2014 में करवाने का आश्वासन दिया गया। बाद में टेक्नोग्लोबल यूनिवर्सिटी मेघालय से परीक्षा करवाने का आश्वासन देने लगे। दीपक शर्मा ने कुछ छात्रों को टेक्नोग्लोबल यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रेशन कार्ड भी दिए, लेकिन किसी भी प्रकार की परीक्षा नहीं करवाई थी। फरियादी ने उसके अन्य साथियों के साथ भी इसी प्रकार की धोखाधडी की बात कही थी।"
दिनेश जाटव की शिकायत पर थाना कोतवाली गुना में अपराध क्रमांक 50/ 15 धारा 420 (धोखाधड़ी) का मामला दर्ज कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान आई साक्ष्य के आधार पर यह सामने आया कि आरोपी दीपक शर्मा ने अपने साथी आनंद स्वरूप शर्मा व मुकेश रघुवंशी के साथ मिलकर सैकड़ों छात्रों से ठगी कर उनकी फीस ले ली। छात्रों का किसी भी संस्थान में प्रवेश नहीं करवाया गया। साथ ही कूटरचित (फर्जी) दस्तावेज उन्हें दिए गए। इस वजह से प्रकरण में धारा 467, 468 (जानबूझकर फर्जी दस्तावेज तैयार करना), 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र) का इजाफा किया गया। विवेचना के दौरान आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। साक्षियों के कथन लिए गए और प्रकरण के अन्य अनुसंधान के दौरान अभियोग पत्र (केस डायरी) न्यायालय में पेश किया गया। इस तरह की कुल 3 FIR दर्ज हुईं, जिनमे से 2 का फैसला आ गया है। तीसरे मामले का भी फैसला जल्द होने की संभावना है।