भोपाल। सड़क हादसों ने अखरने वाले आयाम अख्तियार कर लिए है। राजधानी में हर वर्ष लगभग 200 लोग सड़क दुर्घटना में जान से हाथ धो बैठते हैं। लगभग 2000 लोग बुरी तरह घायल हो जाते हैं। इनमें से कुछ तो हमेशा के लिए अपंग हो जाते हैं। विशेषज्ञों की मानें तो 95 प्रतिशत सड़क दुर्घटना चालक की गलती से होती है। शेष पांच प्रतिशत हादसे वाहनों में तकनीकी खामियां, खस्ताहाल सड़क, संकेतक नहीं लगे रहना, सड़क, डिवाइडर, चौराहे के निर्माण में तकनीकी खामी, कम रोशनी आदि की वजह से होते हैं। नजदीक से सड़क दुर्घटनाओं का कारण पता करने के लिए नवदुनिया के रिपोटर्स की टीम ने राजधानी की 350 किलोमीटर की सड़कों का आडिट किया। इस दौरान 16 ब्लैक स्पाट, 18 अवैध कट पाइंट, दो बाटलनेक एवं सड़क डिजाइन में 12 खामियां मिलीं।
मनमर्जी के कट पाइंट
रेतघाट चौराहे से लालघाटी चौराहे तक कट पाइंट की भरमार है। बड़े तालाब के करबला घाट पर ब्लैक स्पाट है। स्टेट हाइवे पर ग्राम भौंरी के पास भौंरी जोड़ के नाम से तिराहा है, यहां भी ब्लैक स्पाट है। यहां बने डिवाइडर में तकनीकी खामी है। खजूरी सड़क थाने से फंदा टोल नाके के बीच में स्टेट हाइवे पर कतिपय लोगों ने सुविधा के लिए डिवाइडर को क्षतिग्रस्त करके अवैध कट पाइंट बनाया है। यह स्थान ब्लैक स्पाट में शुमार हो गया है। फंदा टोल नाका से 100 मीटर की दूरी पर हादसों के लिए बदनाम जीरो पाइंट ब्लैक स्पाट है।
भोपाल
350 किमी लंबी सड़कों पर 16 ब्लैक स्पाट व18 अवैध कट पाइंट
- 17 Nov 2022