:बालकनी की बाउंड्री हिल रही, बच्चों के गिरने का डर, छूने से झड़ रहा प्लास्टर
सागर। जिला अस्पताल के पीछे चार साल पहले 7.40 करोड़ से बनकर तैयार हुए शासकीय आवासों की दीवारों में दरारें आ गई हैं। छत भी टपक रही है। कर्मचारियों को रहने के लिए सालाना मरम्मत करानी पड़ती है। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी और परिजन इन आवास में मुश्किल में रह रहे हैं। बारिश होने पर यह मुश्किलें बढ़ जाती है।
एक बार बारिश होने पर चार पांच दिन तक छत से पानी टपकता रहता है। कर्मचारियों ने बताया कि यह आवास हाउसिंग बोर्ड ने बनवाए हैं। काम कोरोना काल में 2019-20 में पूरा हुआ। स्वास्थ्य विभाग को 2020 में दिए गए। इन भवनों में किचिन, डायनिंग हॉल, बेडरूम सभी कमरों की दीवारों में दरारें हैं। बालकनी की बाउंड्री हिलने लगी है। बच्चों के गिरने का डर बना रहता है। सीढि़यां टूटने लगी हैं।
आरएमओ और डॉक्टर रह रहे
जिला अस्पताल के पीछे बने इन भवनों में आरएमओ डॉ. अभिषेक ठाकुर सहित अन्य भारतीय मजदूर संघ के जगदीश जारोलिया व आपातकालीन सेवाएं देने वाले डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ रह रहे हैं। सभी भवनों की स्थिति खराब है। अंदर व बाहर दोनों ओर से दरारें हैं। कर्मचारी लगातार शिकायत कर रहे हैं। लेकिन न तो जिला अस्पताल प्रबंधन और न ही स्वास्थ्य विभाग ने इनकी समस्या का हल किया है।
पहली बारिश में टपकी छत
स्वास्थ्य विभाग ने जब इन भवनों को लिया तो बाहर से चमकदार थे। जिला अस्पताल में आपातकालीन सेवाएं देने वाले कर्मचारियों ने इन्हें 2020 में ही आवंटित कराया। रहने लगे। इसके बाद से ही दरकने लगे हैं। बाहर से चमकदार दिखने वाले इन भवनों में जब कर्मचारियों ने रहना शुरू किया तो यह अंदर से खोखले साबित हुए। कुछ ही दिनों में दरारें आ गईं। छपाई गिरने लगी। पहली बारिश आई तो छत भी चूने लगी।
बाउंड्रीवॉल नहीं बनाई, भुगतान पूरा हुआ
7.40 करोड़ में भवन बनाने के साथ ही बाउंड्रीवाल बनाई जानी थी। लेकिन निर्माण एजेंसी ने बगैर बाउंड्रीवाल बनाए ही स्वास्थ्य विभाग को दे दिया। विभाग ने इसे ले भी लिया। कर्मचारी रहने लगे तो उन्हें असुरक्षा महसूस हुई। इसके बाद कर्मचारियों ने ही अपने खर्चे पर भवनों के सामने तार फेन्सिंग कराई है।
इन भवनों के पीछे गदंगी भरी पड़ी है। टॉयलेट के चेंबर खराब हो गए हैं। खुले पड़े हैं। भवन खराब होने और मरम्मत नहीं कराने के संबंध में आरएमओ डॉ. अभिषेक ठाकुर ने बताया कि भवन में दरारें आई हैं। कर्मचारियों ने बताया था। एजेंसी का पता नहीं है। जल्द ही सीएमएचओ कार्यालय के माध्यम से पत्र लिखेंगे। मरम्मत कराने कहा जाएगा। अभी तक पत्र नहीं भेजा गया है।
सागर
4 साल में ही दरके 7.40 करोड़ से बने भवन
- 01 Oct 2024