स्वास्थ्यगत समस्याओं के निदान हेतु डीआईजी ने बनाई टीमें
इन्दौर। संक्रमण के दूसरे दौर में पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों के लिए डीआरपी लाईन पर अस्पताल बनाया गया है, जिसमें अभी तक 4100 पुलिसकर्मियों व उनके परिजनों का टेस्ट कर उचित इलाज किया गया। वहीं डीआईजी मनीष कपूरिया द्वारा पुलिसकर्मियों व उनके परिजनों के उपचार हेतु एएसपी गुरुप्रसाद पाराशर को नोडल अधिकारी बनाकर कर उनके नेतृत्व में टीमों का गठन किया गया है, जो पीडि़तों की स्वास्थ्यगत समस्याओं के निदान हेतु उनसे निरतंर संपर्क में है।
एएसपी पाराशर ने एक कोरोना कंट्रोल रूम बनाकर, सूबेदार विवेक परमार, सूबेदार राजू संावले व उनकी टीमों को कर्मचारियों एवं उनके परिजनों के स्वास्थ्य के एवं अन्य जरूरतों का निरंतर ध्यान रखा जा रहा है। सूबेदार विवेक परमार की टीम द्वारा पीडि़तों से निरंतर संपर्क कर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ले रही है आवश्यकनुसार निदान भी कर रही है। टीम द्वारा अन्य बीमारियों से ग्रसित पुलिसकर्मिओं से भी संपर्क कर उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखा जा रहा है।
अभी तक 881 संक्रमित
महामारी से अभी तक इन्दौर पुलिस के नव आरक्षक से आईपीएस स्तर तक के 881 पुलिसकर्मी संक्रमित हुए है जिनमें से 228 हॉस्पिटल में ईलाजरत रहे तथा 644 होम आइशोलेशन में रहकर स्वस्थ हो गए। वर्तमान में मात्र तीन पुलिसकर्मी उपचाररत् हैं। इसी प्रकार पुलिस परिवार के 549 परिजनों में से 98 हॉस्पिटल में भर्ती हुए, जबकि 435 परिजनों ने घर पर रहकर ही विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में उपचार का लाभ लेकर स्वस्थ हो गए। वर्तमान में मात्र एक परिजन उपचाररत् है। पुलिसकर्मियों के लिए डीआरपी लाईन में रक्षित निरीक्षक जयसिंह तोमर व उनकी टीम द्वारा मात्र 48 घंटे में 16 बेड का केविड केयर सेंटर बनाया गया था, जिसमें 24 घंटे ऑक्सीजन सप्लाई होती है। इस कोविड सेंटर की व्यवस्था में नोडल अधिकारी डीएसपी लाईन अजीत सिंह चैहान के निर्देशन में टीम पूरी लगन से काम कर रही है।
290 संक्रमितों का इलाज किया
इस सेंटर में माह अपे्रल-मई में 290 संक्रमितों का ईलाज किया जा चुका है, जिनमें से अधिकतर को कुछ समय के लिए भर्ती किया गया था। कुछ के लग्स में 50 प्रतिशत से अधिक संक्रमण था, जिन्हें उचित चिकित्सीय परामर्श विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा दिया गया। 7 लोगों को अन्य अस्पताल में रैफर किया गया है। साथ ही पीटीसी इन्दौर में भी एक कोविड सेंटर भी बनाया गया था जहां पर सामान्य या बिना लक्षण वाले संक्रमितों का ध्यान एएसाई राधेश्याम व उनकी टीम द्वारा रखा जा रहा है। डीआईजी नियमित रूप से कर्मचारियों के स्वास्थ्य की जानकारी प्राप्त कर रह ेहैं। साथ ही कर्मचारियों को पीपीई किट, मास्क, सैनिटाइजर आदि सुरक्षा सामग्री और आवश्यक वस्तुएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं।
इंदौर
डीआरपी लाइन में अभी तक 4100 की जांच, संक्रमित के ईलाज के साथ मनोबल बढ़ाने पर जोर

- 03 Jun 2021