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पीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार, 79 अधिकारी-कर्मचारी 43 करोड़ खा गए

  • 21 Jul 2021

जबलपुर। पांच साल पहले देश के हर घर में बिजली पहुंचाने की सौभाग्य योजना एमपी में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। अकेले पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के 79 अधिकारी-कर्मचारियों ने मिलकर योजना को पलीता लगा दिया। झूठी वाहवाही लूटने कागजों में बिजली पहुंचा कर 43 करोड़ रुपए जेब के हवाले कर लिया। मामले की शिकायत पर पिछले दो साल से जांच चल रही थी, जो अब पूरी हो चुकी है। घेरे में आए 79 अधिकारी-कर्मचारियों पर कार्रवाई के साथ-साथ संबंधी ठेकेदारों से रिकवरी होगी। वहीं उनके खिलाफ क्रिमिनल केस चलाने के लिए एफआईआर भी दर्ज कराने की तैयारी है।
मध्यप्रदेश के हर घर में बिजली पहुंचाने की पीएम की सौभाग्य योजना के अंतर्गत पूर्व क्षेत्र कंपनी के 21 जिलों में लगभग 7.26 लाख घर चिन्हित हुए थे। इन घरों को रोशन करने नए पोल, ट्रांसफार्मर और लाइन खींचनी थी। कई घर दुर्गम पहाड़ों पर बने थे। कुल 998 करोड़ की योजना थी। इस राशि से 11 केवी की 4260 किमी लंबी लाइन बिछाना था। वहीं 5,388 ट्रांसफार्मर लगाए जाने थे। जबकि 7250 किमी घरेलू लाइन बिछाया जाना था। सबसे अधिक 12 हजार घर सिंगरौली में चिन्हित हुए थे। यहां 85 करोड़ रुपए खर्च होने थे।
43 करोड़ रुपए खा गए घोटालेबाज
घोटालेबाजों ने सिंगरौली, मंडला, डिंडोरी, सीधी, सागर, सतना में जमकर भ्रष्टाचार किया। यहां के कई दुर्गम क्षेत्रों में बिजली पहुंचाने का काम कागजों में दर्शाया गया। कई जगह पोल लगे तो तार और ट्रांसफार्मर ही नहीं लगाया। कई पुराने कनेक्शनों को सौभाग्य में दर्शा दिया गया। यहीं नहीं जहां आधा किमी की लाइन बिछानी थी, वहां एक से डेढ़ किमी का दिखाकर भुगतान ले लिया। अकेले मंडला व डिंडोरी में 12 हजार कनेक्शन सिर्फ कागजों में लगा दिए गए। 25 हजार से अधिक कनेक्शनों में गड़बडी मिली है। लगभग 43 करोड़ का ये पूरा घोटाला है। स्पॉट वेरीफिकेशन कराने पर 2019 में ये मामला सामने आया। तब से जांच जारी थी। अब 79 अधिकारी-कर्मचारियों व ठेकेदारों के खिलाफ जांच पूरी हुई है।
2017 में सौभाग्य योजना का काम शुरू हुआ था
मध्यप्रदेश में 2017 में सौभाग्य योजना को लागू किया गया था। इसे मार्च 2018 में पूरा करना था। पीएम ने एक साल के अंदर देश के सभी बिजली विहीन घरों को रोशन करने का लक्ष्य रखा था। पर अधिकारियों ने प्रदेश के कई जिलों में कागजों में योजना पूरी दिखाकर पैसे जेब के हवाले कर लिया। पूर्व में कांग्रेस नेता प्रियव्रत सिंह के सवाल पर विधानसभा में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह ने जवाब पेश करते हुए बताया था कि मध्य क्षेत्र कंपनी में गुना, अशोकनगर, भिंड, मुरैना में तो पश्चिम क्षेत्र कंपनी के 11 गांव में जांच चल रही है। वहीं सबसे अधिक पूर्व क्षेत्र कंपनी के मंडला, डिंडोरी, सीधी, सतना, सिंगरौली व सागर में गड़बड़ी की जांच चल रही है। अब ये जांच पूरी हो चुकी है।