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भोपाल

45 जिलों में सूखे जैसे हालात

  • 01 Sep 2023

उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा मानसून, अब सितंबर से आस
भोपाल। मध्यप्रदेश के भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन समेत 45 जिलों में मानसून उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा है। अगस्त महीने में इन जिलों में कहीं 12 प्रतिशत तो कहीं 94प्रतिशत तक कम बारिश हुई है, जबकि प्रदेश में अगस्त महीने में ही कोटे की 40त्न तक बारिश का ट्रेंड है।
भारतीय मौसम विभाग के वैज्ञानिकों का कहना है कि अगस्त में दो बार करीब 21 दिन तक मानसून ब्रेक रहा। सिर्फ आठ दिन ही पानी गिरा। इस कारण अधिकांश जिलों में सूखे के हालात हैं। इस बार भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और उज्जैन में तो 11 साल में सबसे कम बारिश हुई है।
प्रदेश में 1 जून से 31 अगस्त तक ओवरऑल 26.05 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि अब तक 30.81 इंच बारिश होनी चाहिए थी। इस हिसाब से 15त्न कम बारिश हुई है। अगस्त महीने में 7.94 इंच पानी गिरा है, जबकि 13.15 इंच बारिश होनी चाहिए थी। इस हिसाब से करीब 40त्न पानी कम गिरा है।
जुलाई के बाद अगस्त भी पिछड़ा
मौसम विभाग के सीनियर वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि जुलाई के आखिरी में लो प्रेशर एरिया बना था। इसके चलते 4 से 5 अगस्त तक अच्छी बारिश हुई थी। इसके बाद करीब 15 दिन तक मानसून का वीक फेज आया। इस कारण मानसून ब्रेक जैसी स्थिति बनी रही। इसके बाद प्रदेश के पूर्वी हिस्से में तेज बारिश हुई, लेकिन पश्चिमी हिस्से में सामान्य से कम बारिश हुई। 24 अगस्त को फिर मानसून ब्रेक हो गया। इस कारण प्रदेश में अगस्त महीने में सामान्य से 40त्न कम बारिश हुई।
बंगाल की खाड़ी में सिस्टम एक्टिव हो रहा
सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. सिंह बताते हैं कि सितंबर में मानसून से कुछ उम्मीद है। 4 से 5 सितंबर के आसपास बंगाल की खाड़ी में सिस्टम एक्टिव हो रहा है। 6 से 7 सितंबर तक लो प्रेशर एरिया एक्टिव हो सकता है। इससे पूर्वी हिस्से में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। यह सिस्टम 18 से 19 सितंबर तक एक्टिव रह सकता है।
अब तक पांच बड़े डैम ही छलके
अब तक हुई मानसूनी बारिश की वजह से कोलार, बरगी, इंदिरा सागर, तवा और टिल्लर डैम ही छलके हैं। बाकी डैम खाली ही हैं। कोलार और बरगी डैम के गेट तो जुलाई में ही खुल गए थे। भोपाल की बात करें, तो बड़ा तालाब अभी भी ढाई फीट खाली है। इस कारण भदभदा और कलियासोत डैम के गेट नहीं खुल सके हैं। केरवा डैम भी खाली है।
मानसून के दो महीने महत्वपूर्ण, दोनों में कम बारिश हुई
मौसम विभाग के अनुसार मध्यप्रदेश में 1 जून से मानसून की एक्टिविटी शुरू हो जाती है, जो 30 सितंबर तक रहती है। मानसून के 4 में से 2 महीने जुलाई और अगस्त में अच्छी बारिश होती है, लेकिन इस बार जुलाई में पूर्वी मध्यप्रदेश में 25त्न तक बारिश कम हुई, जबकि पश्चिमी हिस्से में 10 से 12त्न ज्यादा बारिश दर्ज की गई थी।