Highlights

इंदौर

90 प्रतिशत से कम रिजल्ट रहा तो गिर सकती है गाज

  • 02 Feb 2020

इंदौर। पांचवी-आठवीं और 10वीं-12वीं कक्षा के नतीजे हर हाल में 90 प्रतिशत से कम नहीं रहना चाहिए। रिजल्ट खराब रहने पर शिक्षकों की खैर नहीं होगी। इसके चलते शिक्षक बोर्ड परीक्षा के लिए छात्रों को मॉडल पेपर व प्रश्नबैंक से परीक्षा की तैयारी कराएं।
शिक्षा विभाग ने इस वर्ष होने वाली बोर्ड परीक्षाओं को लेकर शिक्षकों पर खासा दबाव बना दिया है। साथ ही चेतावनी भी दी है कि बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट शत प्रतिशत रहना चाहिए। किसी भी हालत में पांचवीं-आठवीं और हाई स्कूल व हायर सेकंडरी कक्षाओं का रिजल्ट 90 प्रतिशत से कम नहीं हो। शासन की मंशा है कि बोर्ड परीक्षा के लिए शिक्षक छात्रों को अलग से तैयारी कराएं। इसके लिए विशेष कक्षाएं लगाकर छात्रों को मॉडल पेपर व प्रश्नबैंक से पढ़ाएं। इससे छात्र आसानी से समझकर पढ़ाई कर सकेंगे। इसके लिए प्रत्येक शिक्षक का नियमित स्कूल में उपस्थित रहना जरूरी होगा। इसके साथ ही जो छात्र नियमित स्कूल नहीं पहुंच रहे हैं, उनके परिजनों से मिलकर उन छात्रों को भी नियमित स्कूल बुलाया जाए, जिससे सभी छात्र बेहतर पढ़ाई के साथ बोर्ड परीक्षा में बेहतर अंक हासिल कर सकें।
बीते वर्ष हाई स्कूल व हायर सेकंडरी का परीक्षा परिणाम जिले के पांच स्कूलों में शून्य से तीस प्रतिशत के बीच रहा था। इस पर शासन ने नाराजगी जताते हुए वहां पदस्थ शिक्षकों को विशेष परीक्षा में शामिल होने के निर्देश दिए थे। शिक्षकों की परीक्षा में फेल होने पर दो शिक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति भी देने के निर्देश विभाग से जारी हो गए। शासन की इस कार्रवाई से शिक्षकों में खौफ बना हुआ है। इसी कारण अधिकतर शिक्षक बेहतर रिजल्ट के लिए प्रयास कर रहे हैं।
सख्त रवैया अपनाया
शासन ने रिजल्ट खराब रहने वाले स्कूलों पर कार्रवाई करने के मामले में इस बार सख्त रवैया अपनाया। पहले शिक्षकों की विशेष परीक्षा कराई, फिर परीक्षा में फेल होने एवं गैरहाजिर रहने वाले शिक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने के निर्देश जारी कर दिए। शासन की इस कार्रवाई का शिक्षक संगठनों ने विरोध भी किया, लेकिन शासन के रवैये में किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ। इसी तरह की कार्रवाई आगे भी किए जाने की संभावना है।
नेटवर्क नहीं मिलने से हाजिरी के लिए होते हैं परेशान शिक्षक
शिक्षक अपनी उपस्थिति मोबाइल से दर्ज करें और स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों की उपस्थिति भी ऑनलाइन दर्ज करें। शासन से निर्देश मिलने के बाद शिक्षकों की परेशानी बढ़ गई है। ग्रामीण क्षेत्रों के शिक्षक नेटवर्क नहीं मिलने से अपनी हाजिरी लगाने के लिए परेशान होते है फिर छात्रों की उपस्थिति कैसे दर्ज करें।  जानकारी के अनुसार शासन अब स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति पर भी नजर रखने का मन बना चुका है। इसके चलते प्रत्येक कक्षा में ऑनलाइन हाजिरी लगाने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे छात्रों की उपस्थिति की जानकारी शासन को भी रहे। इसके लिए शासन ने सभी शिक्षकों को अपनी उपस्थिति मोबाइल से दर्ज करने के साथ ही कक्षा में जाकर बच्चों की हाजिरी भी ऑनलाइन दर्ज करने की हिदायत दी है। शासन के इस निर्देश से शिक्षकों की परेशानी बढ़ गई है। शिक्षकों के मुताबिक अधिकतर बच्चे वर्षभर नियमित स्कूल नहीं आते हैं। लेकिन परीक्षा के लिए अधिकतर बच्चों की उपस्थिति हाजिरी रजिस्टर में दर्ज कर दी जाती है, लेकिन अब जब ऑनलाइन हाजिरी लगेगी तो इसके लिए बच्चों को नियमित स्कूल आना जरूरी होगा। जो बच्चा वर्षभर में 75 प्रतिशत हाजिरी दर्ज नहीं करा सकेगा, उसे परीक्षा में बैठने की पात्रता नहीं होगी। इस कारण कई बच्चे परीक्षा से वंचित हो सकते हैं। इसको लेकर शिक्षक पसोपेश में हैं कि ऑनलाइन हाजिरी कैसे लगाई जाए।
पंजीयन व प्रोफाइल
शासन के निर्देश पर सभी कक्षाओं के छात्रों की जानकारी सीधे पोर्टल में ऑनलाइन दर्ज होने लगी है। छात्रों की पंजीयन प्रक्रिया हो या प्रोफाइल सभी जानकारी पोर्टल पर रहने से शासन एक क्लिक पर उसे हासिल कर लेता है। इस व्यवस्था को आगे बढ़ाते हुए अब शासन ने कक्षा में उपस्थित छात्रों की जानकारी भी ऑनलाइन करने का निर्देश जारी कर दिया। इसको लेकर शिक्षक असमंजस में हैं।
नेटवर्क की समस्या
शहरी क्षेत्र के स्कूलों में आसानी से नई व्यवस्था लागू हो सकती है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षकों को अपनी हाजिरी ऑनलाइन लगाने के लिए ही नेटवर्क की समस्या से जूझना पड़ रहा है। नेटवर्क नहीं मिलने पर शिक्षकों को अपनी हाजिरी दर्ज करने के लिए भारी मशक्कत करनी पड़ रही है। ऐसे में कक्षा में उपस्थित छात्रों की हाजिरी भी ऑनलाइन कैसे लगाई जाए।
शिक्षकों की नियुक्ति, जानकारी में त्रुटि के लिए अधिकारी जिम्मेदार
शासन ने शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरु कर दी है। इसके साथ ही सभी शिक्षा अधिकारियों को निर्देश भी जारी किए है कि नवपदस्थ शिक्षकों की पूरी जानकारी शासन को प्रस्तुत की जाए। जानकारी में त्रुटि के लिए अधिकारी जिम्मेदार माने जाएंगे।
जानकारी के मुताबिक लोकशिक्षण संचालनालय के संचालक गौतम सिंह ने हाल ही में सभी डीईओ को निर्देश दिए है कि शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने वालों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरु हो रही है। ऐसे में जब भी कोई ज्वाइन करने शिक्षक पहुंचे तो उसका पूरा ब्यौरा दर्ज किया जाए। ऑनलाइन संशोधन संभव हो तो वह करे। जिस कर्मचारी द्वारा शिक्षक से जानकारी ली जाए वह कर्मचारी शिक्षक का मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी जांच लें। किसी भी तरह का बदलाव होने पर उसे दर्ज कर शासन को प्रस्तुत करें। जानकारी पर कर्मचारी के हस्ताक्षर के सथ-साथ डीईओ के हस्ताक्षर भी हों। जिससे यह स्पष्ट हो सके जिस शिक्षक की जानकारी शासन को भेजी गई है वह सही है। त्रुटि पर कर्मचारी व डीईओ ही जिम्मेदार माने जाएंगे।
पदों की संख्या
शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करने वालों का इंतजार समाप्त हो गया है। शासन ने आवेदन जमा कराने शुरु कर दिए है। लेकिन शासन द्वारा विषयवार जो पद रिक्त दर्शाए जा रहे उनको लेकर अनिश्चितता का माहौल है।