जालंधर। भारतीय सेना के दो जवानों ने महज 92 हजार रुपये के लिए पूरे देश की सुरक्षा को दांव पर लगा दिया और 900 के करीब संवेदनशील दस्तावेज पाक पहुंचा दिए। इसमें से 800 दस्तावेज ऐसे हैं, जिनको लेकर भारतीय सुरक्षा व सेना मंत्रालय की नींद उड़ गई है। लिहाजा, कारगिल इलाके में सेना ने अपनी तमाम गतिविधियों के रूट बदल दिए हैं और पूरे स्टाफ को तबदील कर दिया है।
हाल ही में जालंधर देहात पुलिस ने दो भारतीय सेना के जवानों को गिरफ्तार किया है। हरप्रीत 2017 में 19 राष्ट्रीय राइफल्स में भर्ती हुआ था जिसने 18 सिख लाइट इन्फेंट्री में तैनात गुरभेज सिंह से साठगांठ तक गोपनीय दस्तावेजों को हासिल कर पाक भेजा और इस कार्य के लिए महज उनको 92 हजार रुपये की राशि मिली।
दरअसल, गुरभेज सिंह कारगिल में 18 सिख लाइट इन्फेंट्री में बतौर क्लर्क के पद पर तैनात था। दोपहर को 3 से लेकर 5 बजे के बीच वह हेडक्वार्टर में बिलकुल अकेला होता था और इस दौरान वह तमाम फाइलों की फोटो क्लिक कर आगे हरप्रीत सिंह को भेज देता था, जो एक एप के माध्यम से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के पास पहुंच जाती थी। चंद दिनों में ही उसने करीब 900 दस्तावेजों को पाक भेज दिया।
इनमें कारगिल में बन रहे भारतीय सेना के नए एयरबेस के अलावा सेना के जवानों के ट्रेनिंग सेंटर की पूरी जानकारी थी। इसके अलावा कारगिल के आसपास सेना की टुकड़ी के ठिकाने और कार्य करने वाले ड्रोन की पूरी जानकारी थी।
भारतीय सेना के पास कारगिल में क्या तैयारियां हैं, कहां पर हवाई एयरबेस बने हुए हैं और कौन से नए तैयार हो रहे हैं, इसकी पूरी जानकारी गुरभेज सिंह ने पाकिस्तान भेज दी। पहली बार गुरभेज सिंह को 50 हजार रुपये की राशि दी गई तो उसके हौसले बुलंद हो गए और उसने बाकायदा गोपनीय दस्तावेज की अलमारी खोलकर उसमें से फाइल निकाली और मोबाइल पर फोटो क्लिक कर आगे हरप्रीत सिंह को भेज दी।
credit- अमर उजाला
देश / विदेश
92 हजार रुपये के लिए पूरे देश की सुरक्षा को दांव पर लगा दिया
- 08 Jul 2021