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इंदौर

नकली माल का जाल, खाद्य वस्तुओं से लेकर इलेक्ट्रानिक आयटम भी डुप्लीकेट और नकली

  • 30 Jul 2024

इंदौर। तेजी से महानगर का रूप लेते इंदौर में नकली माल के जाल में आम इंसान फंसकर ठगी का शिकार हो रहा है। हालात यह है कि न केवल खाने पीने की खाद्य सामग्री-वस्तुएं, बल्कि इलेक्ट्रानिक आयटम, कपड़े, मोबाइल एसेसरीज और गाडिय़ों का आइल सहित अन्य सामान भी नकली, मिलावटी और डुप्लीकेट मिल रहा है। खाद्य वस्तुओं में मिलावट और इनके हानिकारक होने की पहचान तो तब होती है, जब जिला प्रशासन द्वारा अभियान चलाया जाता है। वहीं ब्रांडेड कंपनियों के नाम पर कपड़े, आइल, इलेक्ट्रानिक सामान का पता तब चलता है, जब संबंधित कंपनी द्वारा खुद बाजार में निगाह रखकर इसकी जानकारी जुटाई जाती है और मामला पुलिस के पास पहुंचता है।
दरअसल शहर में दिनों दिन डुप्लीकेट माल के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। त्योहारों के दिनों में तो इस तरह के मामले काफी बढ़ जाते हैं। हाल ही में इलेक्ट्रिक सामान और आईफोन के डुप्लीकेट एसेसरीज का मामला सामने आया है। शहर में कई स्थान तो नकली माल के ठिए बनते जा रहे हैं। कई लोग अपनी मेहनत के पैसे से हाथ धो लेते हैं तो कई नकली खाने-पीने की चीज का इस्तेमाल करने से बीमार हो जाते हैं।
आईफोन की नकली एसेसरीज
हाल ही में विजय नगर इलाके में एप्पल कंपनी के नकली एसेसरीज के मामले का पदार्फाश हुआ है। जहां चार-पांच व्यापारियों द्वारा यह माल बेचा जा रहा था। वहीं कुछ माह पूर्व तुकोगंज इलाके में पुलिस ने करीब एक लाख रुपए की डुप्लीकेट एसेसरीज जब्त की थी। एप्पल कंपनी दिल्ली के अधिकारियों की शिकायत बाद यह आईफोन की 1292 नकली एसेसरीज बनाकर बेचने वाले चार आरोपियों पर कार्रवाई की गई।
नकली इलेक्टिक सामान
हाल ही में क्राइम ब्रांच और लसूडिय़ा पुलिस ने हरे कृष्ण विहार निपनिया रोड पर छापा मारा और नरेंद्र बिरडा एवं बबलू भाटी को पकड़ा। ये नामी कंपनियों के नाम से नकली माल बेच रहे थे। आरोपी दिल्ली से ट्रांसपोर्ट के जरिए ब्रांडेड कंपनी के नाम एवं हुबहू दिखने वाले नकली इलेक्ट्रिक सामान मंगवाकर सियागंज क्षेत्र की दुकानों के माध्यम से सस्ते में बेच रहे थे।
मिलते-जुलते नाम से बिकते हैं प्रोडक्ट
शहर में नकली सौंदर्य प्रसाधन का बाजार भी जमकर फल-फूल रहा है। ब्रांडेड कंपनी के नाम से मिलते जुलते नाम के सौंदर्य प्रसाधन जमकर बिक रहे हैं। कई प्रसिद्ध कंपनियों के ब्यूटी प्रोडक्टस कुछ खास बाजारों में आसानी से मिल जाते हैं। गली मोहल्ले में चलने वाली ब्यूटी पार्लर पर इस तरह के नकली ब्यूटी प्रोडक्टस की जमकर खपत होती है। कई नामी कंपनियों की क्रीम और दूसरे प्रोडक्ट बाजार में मिल जाते हैं,इनसे खूबसूरती तो बढती नहीं ये प्रोडक्ट बदसूरती दे देते हैं।
इस कारोबार ने भी पसारे पैर
शहर में नकली बेसन ( तिवड़े की दाल) से बने नमकीन का कारोबार भी काफी पैर पसार चुका है। कई बस्तियों के घरों में इस तरह के नमकीन का निर्माण हो रहा है। घटिया तेल और नकली बेसन से बनाया गया ये नमकीन सस्ता होता है और इसका उपयोग लालच में आकर कई होटलों और दुकानों के साथ ही ठेले पर नमकीन बेचने वाले धडल्ले से करते हैं। संबंधित विभाग इस ओर कोई ध्यान नहीं देता। इसके प्रयोग से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं।
बच्चों के लिए घातक
कई प्रसिद्ध कंपनियों के कुरकरे और फिंगर की तर्ज पर कुछ लोकल घटिया किस्म के कुरकरे,आलू की चिप्स और फिंगर जैसी खान पान की वस्तुएं भी बाजार में चलन में हैं। इनका उपयोग ज्यादातर बस्तियों में होता है,ये बच्चों के लिए घातक है, जो उनका पेट ख्रराब करने के साथ ही कई परेशानियां पैदा कर देतीं हैं।
नकली घी और मावे की भी खपत कम नहीं
शहर में नकली घी की खपत भी कम नहीं होती। कई नामी कंपनियों के रैपर में नकली घी का कारोबार कई बार पकड़ा गया है। इन दिनों तो गाय के घी के नाम पर भी नकली घी का कारोबार पांव पसारता जा रहा है। नकली घी की तर्ज पर ही नकली मावे की खपत में भी शहर पीछे नहीं है। त्योहारों और शादी समारोह के मौसम मे नकली मावा और घी का कारोबार तेज हो जाता है।
पूर्व में पकड़ी जा चुकी है फैक्ट्रियां
नकली घी का कारोबार भी कोई नई बात नहीं है। पूर्व में कई फेक्टरियां पकड़ी जा चुकी हैं जहां पर वनस्पति और सोयाबीन के तेल के साथ ही कुछ अन्य रसायन मिलाकर नकली घी बनाने का भंडा फोड़ हो चुका है। इन फेक्टरियों में इस तरह के घी पर ब्रांडेड कंपनियों के रैपर लगाकर बाजार में बेच दिया जाता है।
आफत में आ जाती है जान
नकली से असली आम आदमी को आर्थिक के साथ ही कई तरह से नुकसान होता है, लेकिन कई बार तो नकली खान-पान की वस्तुओं से जान तक आफत में आ जाती है। घटिया सामग्री को ऊंचे दाम पर बेच दिया जाता है और इनका प्रयोग जानलेवा साबित होता है।
गाडिय़ों का नकली आइल भी
दो पहिया और चार पहिया वाहनों के साथ ही मशीनों में उपयोग होने वाला नकली आइल भी शहर में बिकता है। इसका खुलासा उस समय हुआ, जब लसूडिय़ा थाना क्षेत्र के साथ ही पालदा इलाके में भी नकली आइल की फैक्ट्री पर पुलिस ने दबिश दी।
पहचानना मुश्किल
शहर में इलेक्ट्रानिक वस्तुओं के साथ ही खाद्य वस्तुएं और कपड़ें तथा गाडिय़ों व मशीनों में लगने वाले पाटर््स तक नकली व डुप्लीकेट चोरी छिपे या खुलेआम बेचे जा रहे हैं। सबसे खास बात यह है कि यह नकली व डुप्लीकेट माल इस तरह तैयार किया जाता है कि आम ग्राहक इसे मुश्किल से ही पहचान पाता है। वह तो जब कंपनियों की सेल में गिरावट आती है और सर्वे किया जाता है तो इस बात का पता चलता है कि कहीं पर नकली व डुप्लीकेट माल बेचा जा रहा है। तब कहीं जाकर ऐसे मामलों में कार्रवाई होती है।