अब भी भटक रहे हैं चिराग-चम्पू के पीडि़त
इंदौर। भूमाफिया चंपू अजमेरा और चिराग शाह ने हजारों लोगों से पैसा लेकर भी उन्हें प्लाट नहीं दिए हैं। पिछले दिनों भूमाफियाओं के खिलाफ शुरू हुई कार्रवाई के बाद चिराग और चंपू पर पुलिस- प्रशासन ने शिकंजा जरूर कसा लेकिन पीडि़तों को न्याय अब भी नहीं मिल सका।
लोगों को आशियाने का सपना दिखाकर पैसा ऐंठने वाले चिराग शाह और चंपू अजमेरा ने उज्जैन रोड की कालिंदी गोल्ड और देवास नाका क्षेत्र की फोनिक्स टॉउनशिप सहित कई कालोनियों काटी है। चिराग एवं चंपू ने सभी कालोनियों में खूब गड़बड़ी की और लोगों से पैसा ऐंठकर उन्हें प्लाट नहीं दिए हैं। यहां तक कि पिछले दो माह से चल रही एंटी माफिया मुहिम के बावजूद भी चिराग और चंपू के पीडि़तों को न्याय नहीं मिल सका। पिछले दिनों चिराग चंपू और चंपू की पत्त्नि पर भी प्रकरण तो दर्ज हुए लेकिन लोगों की शिकायतों का निराकरण नहीं हुआ। फोनिक्स में प्लाट खरीदने वालों ने 10-12 साल पहले यहां हजार वर्गफीट के प्लाट के 7 से 8 लाख रूपए चुकाएं हैं। पूरा पैसा देने वालों को भी चंपू ने अब तक प्लाट नहीं दिए। इस मामले में लसूडिय़ा थाने में भी कई सदस्यों ने शिकायतें की है, लेकिन ने तो चंपू पर कोई ठोस कार्रवाई हुई और न ही लोगों को उनके प्लाट या पैसा वापिस मिला है।
मद्दा के पीडि़त भी परेशान
श्रीराम गृह निर्माण संस्था सहित 16 संस्थाओं की जमीनें हथियाने वाले भूमाफिया दीपक मद्दा के खिलाफ भी लोगों ने थाने से लेकर पुलिस एवं प्रशासनिक मुख्यालय तक शिकायतें की गई लेकिन अब तक दीपक मद्दा पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
इंदौर
एंटी माफिया कार्रवाई के बाद प्रकरण तो हुए लेकिन न्याय नहीं
- 08 Mar 2020