मैं तो वायरस के सामने इस वायु रस को जोड़ूँ ..... एक तरफ वायरस अपनी गति करे..... और ये मनोजवं मारुततुल्य वेगं जितेंद्रियम बुद्धिमतां वरिष्ठं ..... मेरा वायु रस.... ये जो हनुमान है.... क्योंकि ये बड़े से बड़ा संजीवनी लाने वाला कोई दूत है तो ये राम दूत अतुलित बल धामा अंजनी पुत्र पवनसुत नामा ......
हे मेरे नाथ तेरा भरोसा रखकर बहुत घूम रहे हैं..... तो तेरे वायु पने का रस पूरे विश्व में ऐसा फैला कि ये वायरस कभी आने का नाम ना ले......
ऐसी करूणा करना ....हम तो प्रार्थना कर सकते हैं.....
।। रामकथा ।। मानस मंदिर ।।
चिंतन और संवाद
मोरारी बापू : मैं तो वायरस के सामने इस वायु रस को जोड़ूँ ...
- 22 Mar 2020