क्रोध को ग्रंथकारों ने चांडाल कहा है ....जब किसी में बहुत क्रोध हो ना उसी समय उसको अस्पृश्य समझना... छूना मत .....
क्रोध उतर जाए तो कहना ...पहले नहा लो आप ...क्योंकि आप में चांडाल ने प्रवेश किया था.....
।। रामकथा ।। मानस मृत्यु
क्रोध को ग्रंथकारों ने चांडाल कहा है ....जब किसी में बहुत क्रोध हो ना उसी समय उसको अस्पृश्य समझना... छूना मत .....
क्रोध उतर जाए तो कहना ...पहले नहा लो आप ...क्योंकि आप में चांडाल ने प्रवेश किया था.....
।। रामकथा ।। मानस मृत्यु
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