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चिंतन और संवाद

मोरारी बापू : मैं आपसे प्रार्थना करूं ...कठिन पड़ेगा..  लेकिन अभ्यास करो तो फायदा....

  • 15 Aug 2020

मैं आपसे प्रार्थना करूं ...कठिन पड़ेगा..  लेकिन अभ्यास करो तो फायदा....
जो बात अब तुम्हारे बस की है ही नहीं उसका विचार करना छोड़ दो......
यह हमारा जो चित्त है ना साहब ...ये तीन काम करता है....एक तो स्मृति संग्रह करता है ....दूसरा चिंतन करता है ....
और तीसरा चिंता करता है....
चुनाव करे साधक कि तीन में से मुझे क्या करना है....
स्मृति हमेशा भूतकाल की होती है ....और चिंता हमेशा भविष्य की होती है ....चिंतन ही एक ऐसा है कि वर्तमान में हो सकता है ....
और वर्तमान में जो चिंतन हम करते हैं वो यदि हम लाख करें तो भी हम चाहें ऐसा फल आने वाला नहीं.....
तब इस चिंतन की चैनल बदल दो ...जो चिंतन नाम की चैनल चल रही थी हाथ में वो लेकर के सुमिरन की चैनल में बदल दो....सुमिरन करने लगो... विचार चले जाएं ...थोड़ा समय सुमिरन कर लो ......एकमात्र उपाय है सुमिरन कर लो..... 
मेरी युवान भाई-बहन कुछ भी करो और हमारे विचार से घटना घटने वाली है ही नहीं ...तब सिमरो हरि को.....
तू सिमरन कर ...तेरी माला काम कर देगी ....मेरा तो अनुभव बोल रहा है ......

।। रामकथा ।। मानस समरथ ।।