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इंदौर

होस्टलों में रैगिंग रोकने के लिए उठाना थे बड़े कदम,नहीं कर पाए लागू

  • 26 Jan 2020

आईईटी के होस्टल को संवेदनशील कैटेगिरी में रखा था, यहां उडऩदस्ते को 15 दिन में एक बार जाना था जरूर
इंदौर।  देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के होस्टलों में रैगिंग न हो इसके लिए बड़े और कड़े कदम उठाने का निणहृय अब तक लागू ही नहीं हो पाया। जबकि इस बार प्रबंधन ने पिछली खामियों से सबक लेते हुए कई नए कदम उठाए थे। इस दौरान यह भी तय किया गया था कि आधी रात में भी कॉल कर छात्र शिकायत कर सकेंगे। इसके अलावा चार सदस्यीय उडऩदस्ता भी बनाया गया था। कहा गया था कि यह कभी भी आधी रात में होस्टल पहुंचकर आकस्मिक चैकिंग कर सकेगा। इसके अलावा होस्टल के बडे हिस्सों में सीसीटीवी कैमरे भी लगा दिए गए थे, डीएवीवी प्रबंधन ने आईईटी के उस होस्टल को संवेदनशील कैटेगिरी में रखा था, जहां से लगभग हर साल रैगिंग की सैकड़ों शिकायतें सामने आती रही हैं। कहा गया था कि यहां उडऩदस्ता हर 15 दिन में एक बार जरूर पहुंचेगा।
पुलिस से समन्वय भी बनाना था
कहा गया था कि होस्टलों में रैगिंग न हो इसके लिए यूनिवर्सिटी प्रबंधन पुलिस से भी समन्वय बनाकर रखेगी। पुलिस के आला अफसरों के अलावा बीट प्रभारियों के मोबाइल नंबर भी छात्रों को दिए जाएंगे। कोशिश होस्टलों में रैगिंग पर जीरो टॉलरेंस की थी। इसलिए उडऩदस्ते की व्यवस्था को बेहद प्रभावी तरीके से लागू करने की तैयारी थी। लेकिन सब कुछ कागजों पर ही सिमटकर रह गया। न अब तक टीम दौरे पर गई न बाकी निर्णय लागू हो पाए।
बरसों से जमे छात्र होना थे बाहर, नहीं हुए अब तक
दरसअल बताते हैं कि प्रबंधन ने बरसों से होस्टलों में जमें छात्रों को बाहर करने की तैयारी भी कर ली थी। जो छात्र नहीं मानेंगे, ऐसे छात्रों की डिग्री भी रोकी जाना थी। लेकिन अब तक एक भी छात्र होस्टल से बाहर नहीं हो पाए।