@प्रदीप मिश्रा री डिसकवर इंडिया न्यू्ज
वरिष्ठता, अनुभव, ईमानदारी और पार्टी के प्रति समर्पण का मापदंड पार्टी को कितने साल दिए के आधार पर होना चाहिए!?
परिवारवाद, ऊपर से उतारे गए, सिलेब्रिटी, पठावाद और धन बल और अवसरवाद के चेहरों को आरक्षण देना बंद होना चाहिए!
गरीब, निम्न और मध्यमवर्गीय युवाओ के लिए आज की राजनीति ठीक उसी तरह आपका कैरियर और भविष्य है, जैसे प्रशासनिक और सरकारी अधिकारी (IAS, IPS....), डाक्टर, वकील, जज, उद्योग पति, आदि ये सभी देश सेवा और समाज की सेवा के लिए काम कर रहे हैं ऐसा ये हमेशा कहते हैं!
इनकी देश सेवा और समाज की सेवा के लिए इन्हें सरकारी खजाने से बंगला, गाड़ी, नौकर - चाकर, ग्रेजुएटी, पी एफ, पेंशन, फ्री मेडिकल सुविधाएं और समस्त संवैधानिक और वैधानिक अधिकार मिलते हैं! और ड्यूटी पर यदि मृत्यु हो जाए तो एक मुश्त काफी बड़ी रकम दी जाती है!
24 घंटे किसी राजनीतिक पार्टी को देने से युवाओ को ईमानदारी और स्वाभिमान से क्या मिलता है!?
सच्चे, ईमानदार, प्रतिभाशाली और पार्टी के प्रति समर्पित आर्थिक रूप से कमजोर कार्यकर्ता को भी अपना बेटा, भाई, रिश्तेदार समझो परिवार वाद की राजनीति करने वाले कद्दावर नेताओं!?
उमेश शर्मा जैसे प्रतिभाशाली, मेहनती, राष्ट्रवादी और पार्टी के लिए 24 घंटे समर्पित रहने वाले और कितने ऐसे कार्यकर्ता है जो पार्टी के लिए अपना कई दशकों से पूरा जीवन खपा चुके हैं और आज भी समर्पित है!?यदि उनके साथ सही समय पर न्याय नहीं होता है तो युवाओ को ऐसी राजनीति से किनारा कर लेना चाहिए!