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इंदौर

ब्लैक फंगस- लगातार बढ़ रहे मरीज

  • 22 May 2021

एमवाय अस्पताल में कम पडऩे लगीं एंडोस्कोपी मशीनें
इंदौर।  कोरोना संक्रमण से जूझ रहे शहर में यह तो राहत वाली खबर है कि अब इस बीमारी के मरीजों की संख्या कम होने लगी है और स्वस्थ होकर घर पहुंचने वाले लगातार बढ़ रहे हैं। वहीं अब धीरे-धीरे ब्लैक फंगस पैर पसारता जा रहा है। हालत यह होने लगी है कि एमवाय अस्पताल में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या लगातार बढऩे के कारण सर्जरी के लिए एंडोस्कोपी मशीनें कम पडऩे लगी हैं।
वर्तमान में इस अस्पताल में इस बीमारी के 167 मरीज भर्ती हैं। ऐसे में जिन मरीजों को नाक व साइनस में फंगस का संक्रमण बढ़ रहा है, उनमें एंडोस्कोपी के माध्यम से ईएनटी सर्जन फंगस निकाल रहे हैं। वर्तमान में यहां दो एंडोस्कोपी मशीनें हैं। मरीजों की संख्या बढऩे के कारण ये मशीनें कम पडऩे लगी हैं। अब मेडिकल कालेज प्रबंधन दो मशीनें खरीदने की कवायद में जुटा है। इनके आने पर मरीजों की सर्जरी की प्रक्रिया आसान हो जाएगी। अभी ईएनटी विभाग के 20 से ज्यादा चिकित्सकों की टीम प्रतिदिन मरीजों की नाक व साइनस से फंगस निकालने में जुटे हैं।
दूरबीन पद्धति का उपयोग
एमजीएम मेडिकल कालेज की नाक-कान-गला रोग विभाग की एचओडी डा. यामिनी गुप्ता के मुताबिक, आज शाम तक दो मशीनें आ जाएंगी। अभी रोज दूरबीन पद्धति से सात-आठ मरीजों के फंगस निकाले जा रहे हैं।
76 मरीजों की एंडोस्कोपी, 48 के हुए आपरेशन
एमजीएम मेडिकल कालेज के डीन डा. संजय दीक्षित ने बताया कि वर्तमान में एमवाय अस्पताल में 167 मरीज ब्लैक फंगस से ग्रसित हैं। इनमें से आठ ऐसे मरीज जो नान कोविड पाए गए थे उन्हें दूसरे अस्पताल में रखा गया है। ब्लैक फंगस से पीडि़त आठ नान कोविड मरीजों की कोविड हिस्ट्री ट्रेस करने के लिए एंटीबाडी टेस्ट कराने के निर्देश दिए हैं। मरीजों की जल्द से जल्द पहचान करने के लिए दो नवीन एंडोस्कोपी की मशीनें खरीदी जा रही हैं, जो जिले को आज प्राप्त हो जाएंगी। ब्लैक फंगस ग्रसित 76 मरीजों की एंडोस्कोपिक सर्जरी एवं 48 मरीजों के अन्य सर्जिकल आपरेशन अभी तक किए जा चुके हैं।
दो सौ बेड करेंगे
एमवायएच के अधीक्षक डा. पीएस ठाकुर ने बताया कि अस्पताल में बनाए गए वार्ड में वर्तमान में 175 बेड उपलब्ध हैं जिन्हें आवश्यकता अनुरूप बढ़ाकर 200 तक किया जा सकेगा। ब्लैक फंगस से पीडि़त मरीजों के लिए एम्फोटेरिसन बी इंजेक्शन भी अभी उपलब्ध है।
ज्यादा देर तक मास्क लगाने के चलते सांस में दुर्गंध के मामले भी आ रहे सामने
कई महीने से सात से आठ घंटे तक लगातार मास्क लगाने की वजह से कुछ लोगों में सांस में दुर्गंध आने की समस्या भी शुरू हो गई है। इसे हेलिटोसिस कहा जाता है। अस्पतालों की ओपीडी में हर दिन पांच से सात मरीज ऐसे पहुंच रहे हैं, जिन्हें पहले कभी सांस में दुर्गंध नहीं आती थी। मास्क लगाने के बाद से यह समस्या शुरू हो गई है। अस्पतालों की नाक कान एवं गला विभाग और दंत रोग विभाग की ओपीडी में ऐसे मामले आ रहे हैं। फ्रेश ऑक्सीजन ठीक से नहीं पहुंचने और कार्बन डाइऑक्साइड पूरी तरह से बाहर नहीं आने की वजह से या दिक्कत हो रही है। डॉक्टरों ने बताया कि अभी तो ओपीडी में 1-2 मरीज ही इस समस्या से ग्रसित होने वाले आ रहे हैं, इसकी वजह लॉकडाउन है। मार्च-अप्रैल मैं हर दिन 5 से 7 मरीज आ रहे थे। इन में दुर्गंध की समस्या 2-3 में बहुत ज्यादा रहती थी।
बचाव के लिए क्या करें
-कार्यालय की छत या दूसरी सुरक्षित जगह पर जाकर करीब 2 मिनट के लिए मास्क उतारे।
-घर आने पर मास्क उतारने के बाद ब्रश जरूर करें।
खाना खाने के बाद उंगली से दातों की साधारण मसाज जरूर करें।
-बीटाडीन से दो से तीन बार गार्गिल करें।