पुलिस ने मांगी एसोसिएशन से नामों की सूची
इंदौर। कपड़ा बाजार एवं सराफा में घूसते ही श्रीमान आईये, साहब आईये, मेडम आइये जैसे अनुग्रह करते दलाल सामने आकर खड़े हो जाते है। कई बार इनका व्यवसायिक छवि को भी खराब करता है। अब इनसे निजात दिलाने की तैयारी की जा रही है। सराफा एवं कपड़ा बाजार को दलालों से मुक्त करने के लिए पुलिस एवं व्यापारियों ने तैयारी शुरु कर दी है। प्रतिमाह लाखों रुपए का राजस्व देने वाला सराफा, कपड़ा मार्केट दलालों से मुक्त होगा। इसके लिए पुलिस व जिला प्रशासन ने एसोसिएशन से नामों की सूची मांगी है। सूची के बाद दलालों का चरित्र सत्यापन करेंगे।
शहर के इन दोनों प्रमुख बाजारों में दलालों की भरमार है। ये दलाल ग्राहकों को ढूंढकर दुकान तक पहुंचाते हैं। दुकान पर ग्राहक के पहुंचते ही दुकानदार अपनी सामग्री के दाम बढ़ा देता है। यह दाम 10 से 20 प्रतिशत तक होते हैं। बढ़ी हुई राशि दलालों को दी जाती है। एक दलाल रोजाना 300 से 500 रुपए कमा लेते हैं। कई बार एक साथ दो-तीन दलाल मिलकर ग्राहकों को अपनी सेटिंग वाली दुकान पर ले जाने का दबाव डालते हैं, जिससे ग्राहक परेशान हो जाता है। कई बार यह भी स्थिति बनती है कि दुकानों पर दलाल ग्राहक तो भेजते हैं, लेकिन ग्राहक बगैर खरीदी कर लौट जाते हैं। तब भी दलाल अपना कमीशन लेने के लिए दुकानदार पर दबाव डालता है। दुकानदार को जेब से पैसा देना मजबूरी बन जाता है।
बैच पर देंगे जोर
जिला प्रशासन व पुलिस की मानें तो दोनों बाजारों के दलालों की सूची एसोसिएशन से मांगी है। इसके बाद वास्तविक दलाल को बैच उपलब्ध कराया जाएगा। बैच से उनकी पहचान हो सकेगी। थाने पर दलालों को अपना आधार कार्ड भी जमा करना होंगे। बगैर बैच के दलाली करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
यातायात सुधार पर भी जोर
इमामबाड़ा से सराफा थाना तक मार्ग पर यातायात का दिनभर कचूमर निकलता रहता है। दोपहिया वाहन तो ठीक पैदल चलना तक दूभर हो जाता है। दुकानदार व ग्राहक सड़क पर वाहन पार्क कर देते हैं। तीज-त्यौहारों पर जाम लगा रहता है। इसे देखते हुए ट्रेफिक पुलिस इस मार्ग का यातायात सुधारने की कवायद में लग गई है। ट्रेफिक और थाना पुलिस व्यापारियों की बैठक लेकर उन्हें वाहन पार्किंग की समझाइश देंगे।
व्यापारियों ने की शिकायत
सराफा के एक व्यापारी ने सराफा थाना प्रभारी अमृता सोलंकी को दलालों से मुक्ति को लेकर लिखित शिकायत की है। इसमें उल्लेख किया है कि दलाल आपस में लड़कर धंधा प्रभावित करते हैं। कई दलालों के पास लायसेंस नहीं है। ऐसे में नए दलाल बाजार में सक्रिय होने पर कमीशन की मांग करते हैं, जो देना संभव नहीं हो पाता।
इंदौर
दलालों से मुक्त होगा सराफा-कपड़ा बाजार
- 08 Mar 2020