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चिंतन और संवाद

ओशो - अष्‍टावक्र महागीता (प्रवचन)

  • 11 Jul 2021
एक फूल का खिल जाना ही, उपवन का मधुमास नहीं है। बाहर घर का जगमग करना, भीतर का उल्लास नहीं है। ऊपर से हम खुशी मनाते, पर पीड़ा न जाती घर से। अमराई के लहराने पर भी, ...

मोरारी बापु ।। रामकथा-मानस देवप्रयाग ।।

  • 11 Jul 2021
बापू मेरे समान कौन दीन है ....और आप समान कौन दीन हितकारी..... इस नाते हे रघुवंश मणि हमारी विषम भव भीर को हरो... और मुझे ऐसा लगाव ठाकुर तेरे प्रति हो जाए कि जैसे...

मोरारी बापू || राम कथा - मानस देवप्रयाग ||

  • 04 Jul 2021
छोटा सा... दुनिया की दृष्टि में गंदा झरना... गंगा में मिल जाए ...तो पतित पावन हो जाता है ... वस्तु कहीं की भी हो... उसका यूज़ ...इस्तेमाल कहीं भी हुआ हो... लेकि...

ओशो- मन की अवस्थाएं...!

  • 04 Jul 2021
मन बहुत सूक्ष्म विद्युत तरंगों द्वारा काम करता है। उस यांत्रिक प्रक्रिया को समझ लेना है। अब इस दिशा में खोज करने वाले कहते हैं कि मन चार अवस्थाओं में काम करता ह...