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चिंतन और संवाद

एकांत सजा नहीं है,एकांत मज़ा है।

  • 04 Jun 2021
क्‍या आपने एकांत का सुख भोगा है..? एकांत में बैठना श्रेष्ठ व्यक्तियों का महत्वपूर्ण गुण हैं। जितना संसार अथवा अध्यात्म में आप ऊपर जाएंगे उतना अकेले होते जाएंगे।...

मोरारी बापू : भगवान शंकराचार्य के साधक पंचक .....मैंने पांच ...

  • 29 May 2021
1.....वेदो नित्यमधीयतां.... हमारे जैसे संसारी जीवों को वेद का नित्य पाठ करना... स्वाध्याय करना चाहिए... मैंने जब इसकी विस्तृत व्याख्या की होगी तब कहा होगा कि यह...

" स्वस्तिवाचन "

  • 29 May 2021
हमारे देश की यह प्राचीन परंपरा रही है कि जब कभी भी हम कोई कार्य प्रारंभ करते है, तो उस समय मंगल की कामना करते है और सबसे पहले मंगल मूर्ति गणेश की प्रार्थना करते...

ओशो : दुनिया बहुत बुद्धिमान होती चली गयी है। उसी बुद्धिमानी ...

  • 29 May 2021
कीर्तन तो उन्माद है! बुद्धिमान तो हंसेंगे। इसलिए दुनिया से कीर्तन खोता चला गया है। दुनिया बहुत बुद्धिमान होती चली गयी है। उसी बुद्धिमानी में बुद्धू हो गयी है। क...

*उपासना'' का तात्पर्य सबकुछ  "कर्मकाण्ड' ही  नहीं मान लिया ज...

  • 27 May 2021
कर्मकाण्ड से ईश्वर को न फुसलाए। आत्मसाधना में "ईश्वर उपासना," "आत्मचिंतन," "आत्मा" और "परमात्मा" का मिलन प्रधान रूप से सम्मिलित रहना चाहिए । "जप" "ध्यान," "पूजन...

बुद्ध

  • 26 May 2021
बुद्ध की तुलना में सभी महान धार्मिक गुरु बहुत छोटे पड़ जाते हैं। वे तुम्हें अपना अनुयायी बनाना चाहते हैं, वे चाहते हैं कि तुम एक निश्चित अनुशासन का पालन करो, वे ...