चिंतन और संवाद
OSHOकहिन : स्वास्थ्य को परिभाषित...
- 05 Dec 2020
स्वास्थ्य को परिभाषित नही किया जा सकता , स्वास्थ्य की कोई परिभाषा नही , सारी परिभाषाएँ बीमारी की है। बीमारी का न होना स्वास्थ्य , परन्तु यह स्वास्थ्य के सम्बंध ...
मोरारी बापू : योगी कौन ?
- 08 Nov 2020
मैंने अपने ढंग से नवनाथ निर्णित किया है..... इस कलियुग में केवल एक-एक लक्षण हो मैं उसको योगी कहूँगा .....
1....जो भोगी नहीं है.... जिसका काम साधन है ...साध्य ...
OSHOकहिन : उदासी को उत्सव बना लें !
- 31 Oct 2020
दुख के बारे में भी उत्सव की दृष्टि ही रखें। जैसे कि: तुम उदास हो-- तो उदासी के साथ तादात्म्य न बनाएं…साक्षी बनें रहें और उदासी की घड़ी का मज़ा लें क्योंकि उदासी...
मोरारी बापू : आदि सक्ति जेहिं जग उपजाया...
- 17 Oct 2020
श्रीरामचरितमानस में जानकीजी जनकपुर के उपवन में मां भवानी की स्तुति करती है :नहिं तव आदि मध्य अवसाना।अमित प्रभाउ बेदु नहिं जाना।।हे मां, तुझसे पहले कोई नहीं था। ...
मोरारी बापू : दादा कहते थे ...राग को मारा नहीं जा सकता... ल...
- 03 Oct 2020
दादा कहते थे ...राग को मारा नहीं जा सकता... लेकिन राग को परमात्मा को समर्पित कर दिया जाए ....राग को भगवान की गोद में लिटा दिया जाए.... द्वेष हो ...तो भी तेरी गो...
OSHOकहिन : कुछ चीजें हैं...
- 03 Oct 2020
कुछ चीजें हैं जिनका केवल अनुभव ही हो सकता है और वे ही चीजें मूल्यवान हैं । बहुत चीजें हैं जिनका ज्ञान हो सकता है; वे सब बाजारू हैं। उनका कोई मूल्य नहीं है। भूगो...
OSHO कहिन : दुख मिटाया जा सकता है
- 20 Sep 2020
जो जानते हैं वे सुख को नहीं खोजते, बल्कि दुख को मिटाने का कोई उपाय करते हैं। दुख मिटाया जा सकता है, सुख नहीं पाया जा सकता। और जो सुख को पाने में जाएगा वह ज्यादा...
मोरारी बापू : जीवंत समाधि के लक्षण
- 20 Sep 2020
।। रामकथा ।। मानस समाधि ।।1.... जिसको पृथ्वी पर कोई भी स्थान में आसक्ती ना हो.....एकांत यही उसका स्थान.. भीड़ में रहकर भी जो भीड़ का हिस्सा कभी ना बने.....2... ...
OSHOकहिन : कृष्ण कह रहे हैं...
- 12 Sep 2020
कृष्ण कह रहे हैं कि तू सब छोड़ दे। बुरा— भला सब मुझ पर छोड़ दे। तू जो भी कर रहा है, उसमें तू करने वाला मत रह। तू जान कि मैं तेरे भीतर से कर रहा हूं। तू ऐसा अर्पित...
मोरारी बापू : समाधि का अर्थ हैं....
- 12 Sep 2020
समाधि का अर्थ हैं.....'स' का अर्थ है... समता.....बुद्ध पुरुष जगत में आता है लोकमंगल के कार्य में... लोकसंग्रह में लगते हैं... लेकिन सपने में भी उसकी समता ना टू...
मोरारी बापू : भजन ऐसा हो कि दुनिया को पता ना लगे ...
- 06 Sep 2020
भजन ऐसा हो कि दुनिया को पता ना लगे कि उसकी साधना क्या है...मैं अपने अनुभव से कहूं कि जितने महापुरुषों के हमने दर्शन किए हैं... जिनके बारे में सुना हो...तो मैं क...
OSHOकहिन : ऊर्जा को धन छोडऩे में मत लगना
- 30 Aug 2020
ऊर्जा को धन छोडऩे में मत लगना, ध्यान को पाने मे लगना। क्योंकि छोडऩे में जो शक्ति लगाओगे, उतनी हीं शक्ति से ध्यान पाया जा सकता है। जीवन का एक सारभूत नियम है कि ग...