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शब्द पुष्प

बहुत देर लगी

  • 08 May 2021
पर्दा आंखों से हटाने में बहुत देर लगीहमें दुनिया नज़र आने में बहुत देर लगी   नज़र आता है जो, वैसा नहीं होता कोई शख़्सख़ुद को ये बात बताने में बहुत देर लगी....

।। काँपते हॄदय से ।।

  • 08 May 2021
  हे दयानिधे ! रथ रोको अब, क्यों प्रलय की तैयारी है ।ये बिना शस्त्र का युद्ध है जो, महाभारत से भी भारी है । नैना रोते रोते सूखे, अब नीर कहाँ इन आँखों में ।परवाज...

डर लगत है!

  • 17 Apr 2021

उजड़ा उजड़ा सा, हर शहर लगता है,
हमें तो ये, कुदरत का कहर लगता है!
इंसान ने की, ऐसी भी क्या तरक्की
कि इंसान को, इंसान से ही डर लगता है!!

मेरी गुफ़्तुगू पसंद

  • 13 Mar 2021

चुपचाप सुनती रहती है पहरों शब-ए-फ़िराक़
तस्वीर-ए-यार को है मेरी गुफ़्तुगू पसंद

गुफ्तगू

  • 06 Mar 2021

चुपचाप सुनती रहती है पहरों शब-ए-फ़िराक़
तस्वीर-ए-यार को है मेरी गुफ़्तुगू पसंद

हाल पूछते हो...

  • 13 Feb 2021
पूछ लेते आप मिजाज मेरा ,कितना आसान था इलाज मेरा...पहले लगता था  कि तुम ही दुनिया हो,अब ये लगता है कि तुम भी दुनिया हो...आप भी मेरा हाल पूछते हो, आपको तो मालूम ह...

एहसास

  • 31 Jan 2021

यहाँ अल्फ़ाज़ की तलाश मैं ना आया करो 
हम एहसास लिखते है ... 
बस महसूस किया करो...

वैसे ही नया साल हो

  • 23 Jan 2021
वैसे ही नया साल होजैसे हर सुवह बीत जाती रात हो..जैसे अश्कों के बीच मुस्कराते हमारे जज्बात हो..जैसे प्रतिरोधों में हौसलों का साथ होजैसे हर टूटन के बाद उमंग का ख्...

दिल के अँधेरे

  • 26 Dec 2020

मानिंद-ए-शमां यूँ तो जले हैं तमाम उम्र..
लेकिन हमारे दिल के अँधेरे न कम हुए...

कबूल

  • 05 Dec 2020

तू मुझे गुनहगार साबित करने 
की तकलीफ मत कर,
क्या क्या कबूल करना है 
बस ये बता दें ..

मैं तो इंसान हूँ

  • 31 Oct 2020

अगर बे-एैब चाहते हो तो
 फरिश्तों से रिश्ता कर लो,
मैं तो इंसान हूँ
 खताएं होना लाज़मी हैं..!

आहिस्ता आहिस्ता

  • 17 Oct 2020

आहिस्ता आहिस्ता रूह में उतरा था इश्क़,

आहिस्ता आहिस्ता जान निकल रही है अब.. !!