शब्द पुष्प
गुनाह पर्दे में
- 03 Oct 2020
मेरे गलतियों तो
मशहूर है ज़माने में..
फ़िक्र वो करे ,
जिनके गुनाह पर्दे में है।
जिन्दगी
- 20 Sep 2020
मुकम्मल कहाँ हुई ,
जिन्दगी किसी की ..
आदमी कुछ खोता ही रहा ,
कुछ पाने के लिए ...
बुरा मान बैठे...!
- 12 Sep 2020
बेहिसाब झूठों को वह खुदा मान बैठे..!
हमने सच क्या बोला वह बुरा मान बैठे...!
- मजरूह सुल्तानपुरी
- 23 Aug 2020
तुझे न माने कोई तुझ को इस से क्या मजरूह
चल अपनी राह भटकने दे नुक्ता-चीनों को
राहत इंदौरी
- 15 Aug 2020
मेरे हुजरे में नही , और कही पर रख दो आसमां लाए हो ले आओ , जमीं पर रख दो ।अब कहाँ ढूढंने जाओगे हमारा कातिलआप तो कत्ल का इल्ज़ाम हमी पर रख दो...
दर्द
- 08 Aug 2020
दर्द की शिकायत करना नहीं, यह सहने की चीज हैं, संभाल कर रखना इसे यह खुशीयों की बीज हैं....
दरमियां
- 01 Aug 2020
देख उनको चश्म-ए-नम
मैं खुश हुआ हूँ आज यूँ
है अभी उम्मीद-ए-उल्फत
कायम अपने दरमियां
...तो फिर साथ बहुत है
- 26 Jul 2020
माने जो कोई बात, तो इक बात बहुत हैसदियों के लिए पल की मुलाक़ात बहुत है
महिने में किसी रोज़, कहीं चाय के दो कपइतना है अगर साथ, तो फिर साथ बहुत है...
मेरी दुनिया
- 19 Jul 2020
तुम्हारे साथ खामोश भी रहूँ
तो बातें पूरी हो जाती हैं....!*
तुम में, तुम से, तुम पर ही
मेरी दुनिया पूरी हो जाती है...