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शब्द पुष्प

हवा को गुमान था...

  • 09 Dec 2019

हवा को गुमान था अपनी आजादी पर,
किसी ने उसे भी गुब्बारे में भर के बेच दिया...

मगर बेख़बर नहीं.

  • 10 Nov 2019

ये सोचना ग़लत है के, तुम पर नजऱ नहीं,
मसरूफ़ हम बहुत हैं मगर बेख़बर नहीं.

समंदर न सही

  • 04 Nov 2019

समंदर न सही पर एक नदी तो होनी ही चाहिए।
तेरे शहर  में जिंदगी कहीं तो होनी चाहिए।