मुरैना। चंबल नदी के कारण ही क्षेत्र की पहचाना है, लेकिन इसी चंबल की ओर शायद किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। यही कारण है कि चंबल नदी के 435 किमी लंबे अभयारण्य क्षेत्र से बेखौफ होकर रेत उत्खनन किया जा है। सूत्र बताते हैं कि सबलगढ़ से भिंड जिले की सीमा तक रोज 100 डंपर और 5 हजार ट्रैक्टर-ट्रॉली से रेत खोदकर निकाली जा रही है।
मुरैना-धौलपुर के बीच स्थित राजघाट से ग्वालियर तक एक चौकी, पांच थाने व वन चेक पोस्ट के सामने से रेत की ट्रैक्टर-ट्रॉलियों कतार लगाकर फर्राटे भरते हुए निकल जाती हैं लेकिन उन्हें पकडऩे की हिम्मत न वन विभाग में है न पुलिस में। बताया जाता है कि सबको सब-कुछ पता है कि रेत का अवैध उत्खनन क्यों नहीं रुक पा रहा। हम इतने बहादुर नहीं कि पिटते रहें। वन विभाग के अलावा पुलिस-प्रशासन (टास्क फोर्स) की भी तो कुछ जिम्मेदारी है।
हम बेहतर काम कर रहे हैं
मैं किसी से तुलना नहीं करता। हमने अपने अधीनस्थों को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। एसडीओ फोरेस्ट को बल भी उपलब्ध कराया है। रेत उतखनन बंद करने के लिए हम हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। -ललित शाक्यवार, एसपी मुरैना
DGR विशेष
छलनी हो रही चंबल, नदी से रोज हो रहा रेत का उत्खनन
- 15 Jul 2021