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शहर में जालसाजों और ठगोरों का मकडज़ाल

  • 08 Aug 2020

हर तरह की ठगी में महिलाएं भी शामिल, आसानी से बना लेती हैं अपना शिकार
इंदौर। अनलॉक में सभी तरह के अपराधों का ग्राफ भी बढ़ रहा है। इसमें सबसे अधिक ऑन धोखाधड़ी और जालसाजी के साथ ही अन्य ठगी के मामले सामने आए हैं। एक माह में ही क्राइम ब्रांच ने ठगी के अलग-अलग मामलों में जांच के बाद करीब पौने दो सौ से अधिक ठगोरों पर केस दर्ज किया। वहीं राज्य सायबर सेल और थानों की पुलिस ने भी जालसाजों की तलाश करते हुए उन्हें गिरफ्त में लिया है। सबसे आश्चर्य की बात यह है कि इन ठगी के मामलों में युवतियां भी पीछे नहीं है।
एक साथ सवा सौ से अधिक पर प्रकरण
गत दिनों क्राइम ब्रांच की टीम ने एक साथ सवा सौ लोगों से अधिक पर ठगी का केस दर्ज किया था। दरअसल ओएलएक्स के माध्यम से  ठगी करने वाले गिरोह के 127 लोगों पर धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं में केसर दर्ज किया गया है। रोजाना लोगों को ओएलएक्स पर क्रय विक्रय  के माध्यम से इन्होंने लाखों का चूना लगाया है। क्राइम ब्रांच के अनुसार चालीस लोगों तथा  विभिन्न माध्यमों से इंदौर पुलिस को शिकायतें की गई थी कि अज्ञात व्यक्तियों द्वारा ओएलएक्स पर सामग्री जैसे मोबाइल, एक्टीवा, आई फोन, जूपीटर, यमाहा आर 15 बाईक, हीरो  सीडी डिलक्स, अपाचे बाईक, अल्टो 800 व  के-10 कार, बुलेरो, ओमिनी वैन, मारुती ईको, वेगेनार कार व स्विफ्ट कार, रियल मी-2, वीवो वी 15 मोबाईल, सैमसंग कंपनी का रेफ्रिजरेटर, डीएसएलआर कैमरा, एवं अन्य कीमती सामान बेचने के लिए विज्ञापन डाले गए थे जिनसे सम्पर्क करने पर विक्रेता स्वयं को आर्मी में तैनात व्यक्ति होना बताते थे। भरोसे के लिए परिचय पत्र फोटो तथा अन्य आईडी  कार्ड जैसे दस्तावेज व्हाट्सएप पर भेजकर भरोसे में लेते थे बाद सौदा तय होने पर एडवांस राशि, कोरियर चार्ज एवं अन्य शुल्कों के नाम पर ऑनलाइन रुपये ट्रांसफर कर ठगी करते हैं जो ना समान भेजते हैं ना पैसे लौटाते हैं। उपरोक्त सभी आवेदकों के समान आशय के शिकायत पत्र क्राइम ब्रांच को जाँच हेतु प्राप्त हुए थे जिनकी शिकायतों पर कार्यवाही करते हुए ठगी करने वाले 127 आरोपियों के विरुद्ध क्राइम ब्रांच इंदौर थाने में अपराध पंजीकृत किया जाकर विवेचना में लिया गया है। आरोपियों ने आर्मी का कर्मचारी बताकर ऑन लाईन प्रोडक्ट बेचने के नाम पर झांसा देकर विभिन्न ऑनलाईन पेमेण्ट प्रोसेस के माध्यम से आवेदको से राशि  ट्रांसफर कराकर ठगी करते थे। जाँच में पाया गया कि आरोपियों द्वारा सुनियोजित तरीके से धोखाधडीपूर्वक एवं छल पूर्वक कूटरचित दस्तावेजों का उपयोग कर ठगी कर सदोष लाभ प्राप्त किया गया है अत: आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है।
नौकरी की आड़ में ठगी कंपनी में लगे ताले,
कंपनी की आड़ में करोड़ों रुपए का धोखा पकड़ाने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया है। ये मामला भी चिटफंड कंपनी से जुड़ा हुआ है।  किशनगंज पुलिस ने रवि वर्मा की रिपोर्ट पर आरिफ, माया के खिलाफ केस दर्ज किया है। उन्होंने सुपर सिटी कालोनी में वेस्टेज कंपनी खोली थी, जिसमें नौकरी लगाने और इनाम देने का लालच दिया था। पहले तो पच्चीस हजार रुपए महीने दिए और इनाम में स्कूटी दी। बाद में कंपनी ताला लगाकर भाग गई। मुलजिमों ने जो पते दिए थे, वो भी फर्जी निकले। टीआई शशिकांत चौरसिया ने बताया कि पचास लाख रुपए से ज्यादा का घपला है। मुलजिमों की तलाश की जा रही है। शिकायत करने वालों का आरोप है कि घोटाला करोड़ों रुपए का है। पिछले दिनों चिटफंड कंपनी के खिलाफ जो कार्रवाई के आदेश दिए थे, उसके बाद ही केस दर्ज हुआ है।  यहां पर भी पचपन लाख रु. की धोखाधड़ी: विजय नगर पुलिस ने अरुण कुमार शर्मा की रिपोर्ट पर एल्गो साल्यूशन कंपनी के मिथुन पोरवाल और अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। पुलिस ने बताया कि फर्जी नाम से बातचीत कर पैसा दोगुने करने का लालच दिया और लोगों के करीब पचपन लाख रुपए हड़प लिए।  
तांत्रिक बनकर लोगो से ठगे रुपये
गत दिनों किशनगंज पुलिस की गिरफ्त में आए कई लोगों को ठगा है। पैसे वाला बनने की चाह में उसने धर्म बदल लिया और तंत्र-मंत्र के जरिए लोगों को ठगने लगा।  किशनगंज पुलिस ने देवास के छात्र अर्जुन हनोतिया की रिपोर्ट पर मोह्मद अजीज के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था। उसे गिरफ्तार कर लिया है, उसने नोट की बारिश और गड़ा धन निकालने का लालच देकर ठगी की थी। अजीज का दावा था कि वो तंत्र-मंत्र जानता है कई लोगों को वो पैसे वाला बना चुका है। छात्र उसके झांसे में आ गया था, लेकिन शक होने पर उसने पुलिस को शिकायत कर दी थी। भिलाई में चेक बाउंस के मामले में उसका वारंट है, उसने चिटफंड कंपनी भी खोली थी, जिसका पैसा लेकर वो फरार हो गया था। अजीज ने पूछताछ में बताया कि जीवन बेकार निकल गया। शादी भी 50 साल की उम्र में की है। पहले फकीर के संपर्क में था, जहां कई लोग आते- जाते थे और भीड़ लगती थी। चढ़ावा भी खूब आता था, लगा कि पैसा कमाने के लिए ये रास्ता ठीक है, इसलिए बाबारगीरी शुरू कर दी। अजीज के बारे में पता चला कि केरल का रहने वाला है और 1992 से घर नहीं गया है। उसका जन्म हिन्दू परिवार में हुआ है, लेकिन मुसलमान बनकर ठगी करने लग गया। 10 साल में उसने कई लोगों को शिकार बनाया है। अभी कुछ शिकायत सामने आई है, जिसकी जांच चल रही है।
ठगी में पकड़ाई तीन महिलाएं
शहर में ठगी की घटनाएं आए दिन सामने आती रहती हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों में शहर में ठगी के मामले में तीन महिलाएं पकड़ी गई, इसमें से दो बैंक के कर्मचारी है। जबकि एक निजी कंपनी में कार्यरत है। इंदौर शहर में यूं तो रोजाना ही किसी न किसी थाने में धोखाधड़ी के मामले दर्ज होते रहते हैं। हालांकि सबसे ज्यादा धोखाधड़ी के मामले चंद जमीन संबंधित होते हैं, लेकिन अब साइबर अपराधी तेजी से बढ़ रहा है। यही नहीं अब ठगी में महिलाओं की भूमिका भी बढ़ रही है। इसका एक ताजा उदाहरण है की पिछले दिनों एक पखवाड़े में इंदौर पुलिस ने ठगी के मामलों में 3 महिलाओं को गिरफ्तार किया।
पहला मामला साइबर सेल में सामने आया, कुछ दिन पूर्व सेल की टीम ने प्रियाशा विजयवर्गीय नामक महिला को एक लाख की धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया था। महिला एक्सिस बैंक की कर्मचारी है और उसने एक फल का ठेला लगाने वाले को क्रेडिट कार्ड बंद करने के बहाने जाल में फंसाया और उसके खाते से 100000 रुपए अपने वॉलेट में ट्रांसफर कर ली। पुलिस ने ठेले वाले की शिकायत पर उसे गिरफ्तार कर उसके खिलाफ ठगी और आईटी एक्ट दोनों धाराओं में केस दर्ज किया।
 दूसरा मामला फर साइबर सेल ने पकड़ा है। इस मामले में पुलिस ने तृप्ति अग्रवाल नामक महिला को पकड़ा है। यह महिला आईसीआईसीआई बैंक की कर्मचारी है, महिला का अपने पति से तलाक हो चुका है और वह उसे भरण पोषण के लिए 10000 रुपए हर महीने देता है। उसकी आय का पता करने के लिए महिला ने अपनी चार्टर्ड अकाउंटेंट बहन के साथ मिलकर उसकी आयकर आईडी रीसेट करने की कोशिश की। पति की शिकायत पर पुलिस ने महिला के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर उसे पकड़ लिया।
तीसरा मामला इंदौर की क्राइम ब्रांच ने कुछ दिन पूर्व पकड़ा है। इसमें पुलिस ने पल्लवी नामक महिला को गिरफ्तार किया, यह महिला टेक महिंद्रा कंपनी की कर्मचारी है। इस महिला ने सरकार की वन नेशन 1 कार्ड योजना की कार्ड बनाने का ठेका देने के नाम पर एक महिला से 700000 रु. में सौदा किया और 50000 रु. ले लिए थे, लेकिन महिला को शक हुआ और उसने क्राइम ब्रांच में मामले की शिकायत कर दी। क्राइम ब्रांच ने जाल बिछाकर उसे बाकी के पैसे लेने बुलाया और धर दबोचा। यह महिला कुछ और जिलों में भी इसी तरह की ठगी कर चुकी है। हाल ही में हुई यह तीनों घटनाएं बताती है कि अब महिलाएं भी ठगी करने में पीछे नहीं हैं। चाहे वह आम ठगी हो या फिर साईं साइबर फ्रॉड हो।