नई दिल्ली। भारत के मुख्य न्यायधीश संजीव खन्ना ने पेपर लीक मामलों को भ्रष्टाचार की कड़ी परिभाषा बताते हुए कहा कि इस प्रकार के कृत्य अनगिनत छात्रों के सपनों और आकांक्षाओं को तोड़ते हैं। ऐसी घटनाएं सार्वजनिक शिक्षा के अधिकार और नौकरी प्राप्ति की क्षमता को गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे भ्रष्टाचार के प्रत्येक उदाहरण से जनता का विश्वास घटता है।
गुरुवार को लोकपाल दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम में बोलते हुए सीजेआई खन्ना ने कहा, "लोकपाल का गठन केवल भ्रष्टाचार की समस्या का समाधान नहीं करता। इसके प्रभावी कामकाजी के लिए इसे केंद्रीय सतर्कता आयोग और अन्य एजेंसियों के साथ तालमेल से काम करना होगा। समन्वित प्रयास ही भ्रष्टाचार से निपटने में सफलता दिला सकते हैं।"
योजनाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भ्रष्टाचार के खिलाफ एक प्रभावी उपाय के रूप में कार्य करता है। उन्होंने यह भी कहा कि लोकपाल की सफलता इस पर निर्भर करेगी कि वह जनता के विश्वास और नागरिकों की सक्रिय भागीदारी को कैसे सुनिश्चित करता है।
इस अवसर पर लोकपाल के अध्यक्ष और पूर्व सुप्रीम कोर्ट न्यायधीश अजय मनिकराव खानविलकर ने कहा कि लोकपाल अपनी कार्यकुशलता को बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और प्रणालियों को लागू करने की दिशा में प्रयास कर रहा है। उन्होंने लोकपाल के कार्यों की दक्षता और प्रभावशीलता को सुधारने के लिए नए तकनीकी उपायों का उल्लेख किया।
साभार लाइव हिन्दुस्तान
दिल्ली
CJI संजीव खन्ना ने कहा- भ्रष्टाचार है पेपर लीक, छात्रों के सपनों और आकांक्षाओं को तोड़ते हैं
- 17 Jan 2025