बाल-अपराध निवारण एवं उनके संरक्षण पर कार्यशाला
इन्दौर। बाल अपराध निवारण, उनकी सुरक्षा व देखभाल तथा उनके बेहतर संरक्षण के उद्देश्य से शासन द्वारा विभिन्न कानूनी प्रावधान एवं योजनाए संचालित की जा रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए अपराध अनुसंधान विभाग पुलिस मुख्यालय भोपाल के निर्देशानुसार यूनिसेफ मध्यप्रदश भोपाल के सौजन्य से इन्दौर पुलिस द्वारा जिले के विशेष पुलिस किशोर ईकाई, बाल कल्याण अधिकारीगण एवं चाइल्ड लाईन के लिये दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन शुक्रवार एवं शनिवार को को पुलिस कंट्रोल रूम सभागृह में किया जा रहा है। जिसका उद्घाटन एडीजी मिलिंद कानस्कर के मुख्य आतिथ्य में किया गया।
कार्यशाला में एसएसपी रूचिवर्धन मिश्र,एसपी (मुख्यालय) सूरज कुमार वर्मा, लॉलीचेन पी. जोसेफ, चाइल्ड प्रोटेक्शन स्पेशलिस्ट यूनिसेफ, अमरजीत कुमार सिंह ट्रेनर यूनिसेफ, डॉ. आसमां रिजवान, पीपुल्स यूनिवर्सिटी भोपाल,अर्चना सहाय, डॉयरेक्टर आरंभ भोपाल, एएसपी,क्राइम अमरेन्द्र सिंह, एएसपी मनीषा पाठक सोनी, एएसपी ट्रैफिक महेन्द्र जैन सहित अन्य अधिकारीगण के साथ जिला इन्दौर के विशेष किशोर पुलिस इकाई, बाल कल्याण पुलिस अधिकारी, चाइल्ड लाईन के प्रशिक्षणार्थी अधिकारी,कर्मचारी उपस्थित रहे।
एसएसपी इंदौर ने विषय व रूपरेखा के बारें में विस्तृत जानकारी दी तथा उन्होने बताया कि बच्चों के लिये बहुत सी संस्थाएं कार्य कर रही है जिनमें राष्ट्रीय/राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग, म.प्र. राज्य बाल सुरक्षा समिति, जिला बाल संरक्षण इकाई, विशेष किशोर पुलिस इकाई, बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड आदि संस्थाएं कार्यरत् है, इन सभी संस्थाओं से आपसी समन्वय स्थापित कर, बच्चों के हितों एवं उनके संरक्षण के लिये हमें हरसंभव आवश्यक कार्यवाही करने के लिये हर समय तत्पर रहना है। एडीजी कानस्कर ने कहा कि हमें ऐसा माहौल बनाने का प्रयास करना चाहिये कि, बच्चों को कोई भी समस्या हो तो वह सबसे पहले पुलिस के पास ही आएं। इसके लिये हमें समाज में ऐसा विश्वास पैदा करने की आवश्यता है। अत: बच्चो के प्रति हमारा व्यवहार संवेदनशील एवं सौम्य होना चाहिए। हमें सर्वप्रथम बच्चों के संरक्षण के लिये, उनको पारिवारिक माहौल प्रदान कर, उनकी समस्याओं को सुनना व समझना है। उन्होने सभी प्रशिक्षकों को इस प्रशिक्षण कार्यशाला का पूरा लाभ लेते हुए, ध्यान व लगन के साथ सीखने के लिये प्रेरित किया। कार्यशाला मे आए अतिथि विषय विशेषज्ञों द्वारा निम्नलिखित महत्वपूर्ण विषयों पर उपस्थित प्रशिक्षणार्थियों को महत्वपूर्ण जानकारियां दी गयी,इसमें से कुछ प्रमुख इस तरह हैं।
-बाल अधिकारों और उनके संरक्षण व बच्चों की सुरक्षा एवं देखभाल के लिये दिये गये विधिक प्रावधानों एवं सामुदायिक पुलिसिंग के तहत कार्यवाही के लिये, पुलिस अधिकारियों में इसके बारें में आवश्यक समझ एवं दृष्टिकोण का निर्माण।
-कानूनी प्रावधानों जेजे एक्ट, पोक्सो एक्ट, किशोर न्याय आदि की तकनीकी जानकारी।
-बाल अपराध को रोकने के लिये किये जाने वाले प्रभावी उपाय एवं कमजोर वर्ग के बच्चों के पुनर्वास आदि के लिये किये जाने वाले प्रयास।
-बाल भिक्षावृत्ति एवं बाल श्रम के साथ ही बाल विवाह की रोकथाम हेतु उठाये जाने वाले आवश्यक कदम।
संचालन एएसपी मनीषा पाठक सोनी ने किया तथा एएसपी अमरेंद्रसिंह ने माना। कार्यशाला में एआईजी सीआईडी पुलिस मुख्यालय भोपाल, श्रद्धा तिवारी का विशेष सहयोग रहा।
इंदौर
ऐसा माहौल बनाएं कि बच्चे समस्या होने पर पुलिस के पास पहुंचे-एडीजी
- 14 Dec 2019