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लॉक डाउन/कर्फ्यू  में भी मिल रहा नशा

  • 11 May 2020

तीन से चार गुना रेट में नशे के सौदागर उपलब्ध करा रहे पुडिय़ा और अवैध शराब
पुलिस की आंखों में धूल झोंककर नाबालिगों की सहायता से  पहुंचाते हैं माल
इंदौर। आम दिनों की तरह लॉक डाउन/कफ्र्यू में भी नशे के सौदागरों ने अपना अवैध कामकाज फैला रखा है, जहां इन दिनों शराब की दुकानें बंद हैं और पूरे शहर में पुलिसिया सख्ती का आलम है। इन सबके बीच तीन से चार गुना रेट में ये तस्कर नाबालिगों की सहायत से अपने ग्राहकों को घर पर ही अवैध शराब और नशे के पाउडर की पुडिय़ा उपलब्ध करा रहे हैं। यह काम पुलिस और आबकारी तथा नारकोटिक्स की आंखों में इतनी बारिकी से धूल झोंककर किया जा रहा है कि इन तीनों विभागों को भनक तक नहीं लगती। पुलिस ने शहर में गत दिनों दो तीन स्थानों पर कार्रवाई करते हुए अवैध शराब बरामद की थी और इसके बाद आबकारी विभाग ने भी ग्रामीण क्षेत्रों में दबिश दी, लेकिन इसके बाद भी नशे का यह अवैध बदस्तूर जारी है।
नाबालिगों को अवैध काम में धकेला
शहर में कोरोना वायरस के चलते लॉक डाउन हुआ और बाद में कफ्र्यू लगाया गया, तभी से अवैध शराब तस्करी, गांजा और अन्य मादक पदार्थ की तस्करी हो रही है। सूत्र बताते हैं कि नशे का सामान महंगे दामों में ग्राहकों तक आसानी से पहुंचाया जा रहा है। इसके लिए तस्करों ने नया तरीका निकाल लिया है। इन्होंने अपने अपने क्षेत्र में रहने वाले नाबालिगों को इस अवैध काम में धकेल दिया है।  ये नाबालिग सायकल पर थैली या झोला टांगकर निकलते हैं और गलियों से होते हुए ग्राहक तक पहुंचकर उसे नशे का सामान (शराब, गांजा व अन्य नशीले पदार्थ) दे देते हैं और उनसे रुपए ले लेते हैं।  इस काम के लिए इन्हें तस्कर सौ या दो सौ रुपए देते हैं।
पुलिस भी नहीं रोकती
थोड़े से रुपयों की लालच में नागालिग बच्चे अवैध काम करने के लिए तैयार हो जाते हैं। गलियों से निकलने वाले इन बच्चों को देखकर पुलिस भी नहीं रोकती और रोकती भी है तो फटकार लगाकर भगा देती है। इन बच्चों को देखकर वैसे भी कोई शक नहीं कर सकता कि इनके पास शराब या अन्य सामान है। बताया जाता है कि शहर में 700 से 800 रुपए में मिलने वाली शराब की बोतल अब 2 हजार रुपए से ज्यादा में मिल रही है।
मदिरा पीने वालों की संख्या अधिक
शहर में मदिरा पीने वालों की संख्या अधिक है। कुछ लोग तो इसके इतने आदी हो चुके हैं कि बिना शराब पिए उन्हें नींद तक नहीं आती है। तस्करों के द्वारा ऐसे लोगों से संपर्क कर देसी शराब के क्वार्टर से लेकर विदेशी शराब बोतलें तक उपलब्ध कराई जा रही है।  सूत्रों की मानें तो पुराने ठेकेदार चोरी-छिपे पुराने स्टॉक का माल बेच रहे हैं। शहर के सीमावर्ती इलाकों में बड़ी संख्या में शराब बेची जा रही है।
व्हाट्सएप, फेसबुक पर डील
शराब और नशे के सौदागर भी अब हाइटेक हो गए हैं। पुलिस और आबकारी विभाग की सख्ती के बीच इनसे बचने के लिए वे सोशल मीडिया व्हाट्सएप, फेसबुक और अन्य का जमकर उपयोग कर रहे हैं। बताया जाता है कि इसके जरिए ग्राहक इनसे बात करता है और फिर नशे के सामान का रेट तय होते ही नशेडिय़ों के बताए ठिकाने पर तस्करों द्वारा नाबालिगों की सहायता से डिलेवरी कर दी जाती है।
नकद कम, ऑन लाइन भुगतान ज्यादा
सूत्र बताते हैं कि जिन नाबालिगों के जरिए नशेडिय़ों तक शराब या अन्य नशा पहुंचाया जाता है उनसे नकद में कम और ऑनलाइन भुगतान, जैसे पेटीएम, गुगल पे के जरिए रुपए ट्रांसफर कराए जाते हैं। कुछ को छोड़कर बाकी सभी को रुपए ट्रांसफर होने के बाद ही माल सप्लाई किया जाता है।
कफ्र्यू में भी जब्त की लाखों की अवैध शराब
पुलिस ने गत दिनों परदेशीपुरा, हीरानगर, बेटमा, बडग़ोंदा, मानपुर व अन्य स्थानों पर कार्रवाई करते हुए लाखों रुपए की अवैध शराब बरामद की थी, लेकिन इसके कुछ स्थानों पर कारज़्वाई के बाद अब पुलिस का भी ध्यान इस ओर नहीं है। वहीं आबकारी विभाग की टीमें भी अवैध शराब की बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए सक्रिय हुई तो अभी तक की कारज़्वाइयों में इस विभाग की टीमों द्वारा कच्ची और देसी शराब ही बरामद की गई है, जबकि शहर में अंग्रेजी शराब की अवैध बिक्री भी जमकर हो रही है।
हर क्षेत्र में हैं तस्कर
सूत्र की मानें तो शहर में अवैध शराब तस्करों का नेटवर्क तगड़ा है। यदि शहर के श्रमिक क्षेत्र में किसी को शराब चाहिए तो सोशल मीडिया पर तस्करों से संपर्क करते ही पश्चिम क्षेत्र का तस्कर भी यहां पर शराब उपलब्ध करा देता है। इसी तरह शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में तस्करों ने लॉक डाउन के दौरान शराब की जमकर तस्करी की है।
महुआ लहान गांव-गांव में बनने लगी
लॉकडाउन के दौरान शासकीय शराब की दुकानें बंद होने का फायदा अवैध शराब कारोबारी धड़ल्ले से उठा रहे हैं। हाथ भट्टी पर शहर के ग्रामीण इलाको में महुआ लहान व अन्य सामग्रियों से अवैध मदिरा बनाई जा रही है। गत दिनों अवैध मदिरा के निर्माण की सूचना मिलते ही शहर से लगे महू क्षेत्र के थाना सिमरोल, चोरल, महू से सटेग्राम छपरिया, नाहर, खोदरा, नाहरखेड़ी व अन्य दूरस्थ इलाकों व नालों में पुलिस व आबकारी की टीमों ने दबिश देकर छापा मारकर कार्रवाई की, वहीं ग्राम पातालपानी के पहाड़ी इलाकों के नालों और खाइयों के पास भी योजना बनाकर दबिश दी गई। इस कारज़्वाई में कुल आठ छापे मारकर सात प्रकरण आबकारी अधिनियम की धारा 34 (1) के तहत पंजीबद्ध किए गए। छापों की सूचना मिलते ही सभी आरोपी फरार हो गए। इस कार्रवाई में 120 लीटर हाथ भट्टी से बनी मदिरा जब्त की गई एवं 200 किलोग्राम महुआ लहान सैंपल लेकर मौके पर नष्ट किया गया। जब्त मदिरा, महुला लहान व अन्य सामग्री का कुल बाजार मूल्य लगभग 2 लाख 35 हजार रुपए हैं।
हाइवे पर ढाबों की जांच
आबकारी विभाग व पुलिस टीमों द्वारा खंडवा रोड, महू, मानपुर, देवास बायपास, धार, अहमदाबाद मागज़् पर मौजूद ढाबों पर भी अचानक दबिश दी जा रही है। गांवों के रहवासियों से अवैध शराब बिक्री की जानकारी जुटाई जा रही है। ढाबों पर भी जांच की गई। यह अभियान सम्पूर्ण लॉकडाउन के दौरान लगातार चलाया जाएगा।
टखा और सिगरेट की भी कालाबाजारी
शहर में लोगों को राशन लेने में पसीने आ रहे हैं, लेकिन गुटखा और सिगरेट के शौकीनों को चार गुना ज्यादा रेट में यह सब उपलब्ध हो रहा है। जो गुटखे के पाउच 10 रुपए में मिलते थे वे 35 से 40 रुपए में मिल रहे हैं। वहीं तंबाकू खाने वालों को भी तंबाकू बड़ी मुश्किल से मिल रही है। इसके साथ ही सुपारी के दामों में भी बढ़ोतरी हो गई है।  जो लोग पान मसाला खाते हैं उन्हें भी चोरी-छिपे पान-मसाला के पाउच महंगे मिल रहे हैं। जो पाउच 5 से 10 रुपए में आसानी से उपलब्ध हो जाते थे वे अब 35 से 40 रुपए में ढूंढे से भी नहीं मिल रहे हैं। पान की दुकानें बंद होने से लोग घरों से ये सामान बेच रहे हैं। इसके साथ ही सिगरेट के जो पैकेट 100 रुपए में मिलते थे, वे अब 250 से 300 रुपए तक मिल रहे हैं। जिन व्यापारियों के पास ये माल बचा हुआ है वे रात के अंधेरे में ये माल दुकानों तक पहुंचा रहे हैं, जहां से इनकी कालाबाजारी की जा रही है।