जो जानते हैं वे सुख को नहीं खोजते, बल्कि दुख को मिटाने का कोई उपाय करते हैं। दुख मिटाया जा सकता है, सुख नहीं पाया जा सकता। और जो सुख को पाने में जाएगा वह ज्यादा से ज्यादा दुख को भुलाने में समर्थ हो सकता है। थोड़ी देर के लिए विस्मरण हो सकता है, थोड़ी देर के लिए भूल सकता है, लेकिन दुख मिटेगा नहीं। दुख को मिटाना है तो दुख के कारण को जानकर, कारण को नष्ट करने से दुख नष्ट हो जाएगा और जो दुख को नष्ट कर देता है, वह जरूर सुख को उपलब्ध हो जाता है। और जो सुख को खोजता है, वह दुख को कभी नहीं मिटा पाता।
जो सुख को खोजता है, वह दुख में पड़ जाता है। और जो दुख को मिटाने को खोजता है, वह सुख को उपलब्ध होता चला जाता है।
चिंतन और संवाद
OSHO कहिन : दुख मिटाया जा सकता है
- 20 Sep 2020