नागपुर की कंपनी को एमपी के 4 शहरों में आईटीआई बनाना था
बैंक गारंटी के घर पर कागज बना लिए, तीन साल बाद पता चला
भोपाल। भारत सरकार के नेशनल प्रोजेक्ट के तहत मध्य प्रदेश में आईटीआई कॉलेज के भवन बनाने में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। ठेका लेने वाली नागपुर की कंपनी ने घर पर ही बैंक गारंटी के कागजात बनाकर 113 करोड़ रुपए का ठेका हासिल कर लिया। आरोपी ने इसके लिए भोपाल में एक कार्यालय भी खोला। क्राइम ब्रांच ने नेशनल प्रोजेक्ट के जोनल मैनेजर की शिकायत पर मामला दर्ज किया, लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
भारत सरकार की नेशनल प्रोजेक्ट कंस्ट्रक्शन के एमपी के जोनल मैनेजर एमए मंसूरी हैं। उन्होंने बताया कि तीन साल पहले 2018 में नागपुर की तिरूपति कंस्ट्रक्शन कंपनी को आईटीआई कॉलेज के भवन बनाने का ठेका दिया गया था। रीवा, जबलपुर, सागर और शहडोल में कॉलेज के भवन के लिए 113 करोड़ रुपए मंजूर हुए थे। इसके लिए कंपनी संचालक विनीत सुभाष शर्मा ने 10 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी रखी थी। उसने काम भी शुरू कर दिया, लेकिन तीन साल तक किसी का बैंक गारंटी के कागजातों पर ध्यान नहीं गया।
इस बीच शिकायत मिलने पर मंसूरी ने गारंटी से संबंधित कागजात के बारे में बैंकों से पता लगवाया। वहां से पता चला कि उनके यहां से इस तरह के कागजात जारी नहीं किए गए। इसके बाद मंसूरी ने क्राइम ब्रांच को गुरुवार देर रात शिकायत की। क्राइम ब्रांच ने जांच के बाद विनीत सुभाष शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया।
क्राइम ब्रांच भोपाल के एएसपी गोपाल सिंह धाकड़ ने बताया कि कंपनी का एक ऑफिस होशंगाबाद रोड पर है। उसके बारे में पता लगाया जा रहा है। अभी तक विनीत के बारे में कुछ जानकारियां मिली हैं। जल्द ही आरोपी की गिरफ्तारी के लिए टीम महाराष्ट्र के नागपुर भेजी जाएगी।
बैंक से जानकारी लेगी
क्राइम ब्रांच जल्द ही बैंक गारंटी वाले कागजात को लेकर संबंधित बैंकों को पत्र लिखकर जानकारी लेगी। जांच में यह भी शामिल किया जाएगा कि उसने यह कागजात कैसे हासिल किए। इसके साथ ही ठेके देने की प्रक्रिया और बैंक गारंटी संबंधी कागजात की जांच की प्रक्रिया का पता लगाया जाएगा, ताकि इस तरह के फर्जीवाड़े का खुलासा हो सके।
DGR विशेष
113 करोड़ के प्रोजेक्ट में फर्जीवाड़ा
- 03 Jul 2021