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राजधानी में कोरोना की जांच में फर्जीवाड़ा, कबाड़ में मिली लिस्ट से हुआ खुलासा

  • 17 Aug 2021

सड़क पर रोक नाम, मोबाइल नंबर पूछा, बिना जांच के अगले दिन मोबाइल पर भेजी दी नेगेटिव रिपोर्ट
भोपाल। भोपाल के कोटरा सुल्तानाबाद में 300 से ज्यादा लोगों के नाम और उनके मोबाइल नंबर की कबाड़ में मिली लिस्ट ने कोरोना की जांच के फर्जीवाड़े का खुलासा कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग लोगों के नाम, मोबाइल नंबर लिखकर बिना जांच के ही अगले दिन मोबाइल पर नेगिटिव रिपोर्ट भेज रहा है। यहीं जेपी अस्पताल में आने वाले लोगों के नाम भी सड़क-चौराहों पर रोकर रैंडम जांच करने की लिस्ट में लिखे जा रहे है। हद तो यह है कि इस पूरे मामले में सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी कुछ बोलने को ही तैयार नहीं है।
सीएमएचओ कार्यालय की तरफ से रोजाना 5500 से 6 हजार कोरोना संक्रमण की जांच करने का दावा किया जा रहा है। यह जांच फीवर क्लीनिक, रेलवे स्टेशन और मैजिक वाहनों से सड़क चौराहे पर की जा रही है। इसी में से एक मैजिक वाहन की रैंडम कोरोना जांच के सैंपल के लोगों के नाम और मोबाइल नंबर और एसआरएफ आईडी लिखी 300 से ज्यादा लोगों के नाम की 13 शीट कोटरा सुल्तानाबाद में रविवार को कबाड़ में मिली थी। यह सैंपल शनिवार को अयोध्या बायपास के पास लिए गए थे। इस लिस्ट में दिए नंबरों पर कॉल करने पर पता चला कि जांच के नाम पर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। इसका खुलासा लिस्ट में दिए नाम और मोबाइल नंबर पर बात करने पर हुआ।
सुभाष नगर निवासी निजी कंपनी में काम करने वाले नितेश ने बताया कि शनिवार को उनको अयोध्या बायपास पर रोका था। उनसे कोरोना की जांच करने वाले मैजिक में बैठे स्टाफ ने नाम, मोबाइल नंबर पूछा, लेकिन कोई जांच नहीं की। अगले दिन रविवार को उनके मोबाइल पर कोरोना की सूची में उनके नाम के आगे लिखी 927560 एसआरआई डी से नेगिटिव रिपोर्ट का मैसेज आया। वहीं आनंद नगर निवासी 20 वर्षीय आशीष ने बताया कि शनिवार को अयोध्या बायपास पर उनको रोक कर उनका नाम, मोबाइल नंबर पूछा। साथ ही माता-पिता का भी नाम पूछा। वह उस समय मौजूद नहीं थे। लिस्ट में आशीष, उनके माता-पिता की भी एसआरएफ आईडी से जांच करने के लिए लिखा गया है।
मामले की जांच होनी चाहिए
वहीं, आम आदमी पार्टी (आप) के जिला उपाध्यक्ष प्रदीप खण्डेलवाल ने पूरे मामले की जांच कराने की मांग की है। उनका आरोप है कि लोगों की निजी जानकारी कैसे कबाड़ में पहुंचे। इसमें 2023 की एक्सपायरी की स्वाब स्टिक भी मिली है। इसकी जानकारी रविवार शाम को मेरे द्वारा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दी गई है। इसके बावजूद उन्होंने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। इससे साफ है कि इस पूरे फर्जीवाड़े में सभी मिले हुए है। यह सीधे सीधे कोरोना की तीसरी लहर के बीच लोगों की जान के साथ खिलवाड़ है। इस पूरे मामले पर बात करने के लिए सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी को मैसेज और कॉल किया, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।