इंदौर। जमीनों को लेकर की गई धोखाधड़ी के मामले हर दिन अधिकारियों के सामने आ रहे हैं। रोजाना 10 से 12 शिकायतें उनके पास पहुंच रही हैं। सहकारी संस्थाओं से जब्त किए गए रिकार्ड को खंगालने में दो तहसीलदार, एक एसडीएम और सहकारिता विभाग के अधिकारी जुट गए हैं। वहीं एसडीएम ने अपने क्षेत्र की जांच का कार्य शुरू नहीं किया है। कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव द्वारा जिले में चलाए जा रहे ऑपरेशन क्लीन के तहत जमीनों को लेकर ठगाए हजारों लोग शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। एडीएम स्तर के अधिकारी के पास प्रतिदिन 10 से 12 शिकायतें पहुंच रही हैं। वहीं कलेक्टर और पुलिस विभाग के पास लोगों ने अपनी पीड़ा व्यक्त की है। भूमाफियाओं के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे अभियान के दौरान आने वाली इन शिकायतों का निराकरण करने में पुलिस और प्रशासन के साथ ही सहकारिता विभाग भी जुट गया है। कलेक्टर के निर्देश पर पिछले दिनों तहसीलदार, एसडीएम और सहकारिता विभाग के अधिकारियों ने जो रिकॉर्ड जब्त किया था, उसे अब परखने का कार्य शुरू हो गया है। एसडीएम क्षेत्रीय स्तर पर ऑपरेशन क्लीन के तहत मिली शिकायत और जब्त रिकार्ड को लेकर अभी तक परीक्षण शुरू नहीं कर पाए हैं।
कब्जे के रिकार्ड की जांच
वहीं जिन 20 संस्थाओं का रिकॉर्ड प्रशासन ने अपने कब्जे में लिया है, उसे सूक्ष्मता से परखने के लिए एक एसडीएम के साथ 2 तहसीलदार और सहकारिता विभाग के अधिकारी लगे हुए हैं। वे हर एक फ ाइल को सूक्ष्मता से देखकर संस्थाओं की कमियों को खोज रहे हैं। आला अधिकारियों का मानना है कि इन फ ाइलों से कई बातें उजागर होंगी। सबसे पहले सदस्यों की योग्यता को लेकर कार्य किया जाएगा। जिन सदस्यों को भूखंड आवंटित करना है, उनकी सूची तैयार कर वरीयता के आधार पर आवंटन किया जाएगा और अन्य की राशि लौटाने की कार्रवाई भी अमला करेगा। प्रशासनिक अधिकारी व पुलिस के पास आने वाली शिकायतों में संस्थाओं के प्लॉट की धोखाधड़ी के साथ ही निजी भूमि व सरकारी जमीन पर बसाए गए लोगों के मामले देखने को मिल रहे हैं। सूत्रो का कहना है कि भूमाफियाओं ने पट्टे के नाम पर लोगों से राशि लेकर सरकारी जमीनों पर बसाया है। इस तरह के माफियाओं को लेकर भी परीक्षण किया जा रहा है। सरकारी जमीन पर लोगों को नोटरी से बसाने वालों की सूची तैयार करने के बाद कार्रवाई शुरू की जा सकती है। इस तरह की सूची बनने पर कई नामी नेताओं के नाम सामने आएंगे।
इंदौर
हर दिन सामने आ रही कई जमीनों की शिकायतें

- 07 Jan 2020