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संवाद और परिचर्चा

जे पी जमरे : कनाड़िया थाना प्रभारी , इंदौर

  • 05 Jan 2022


संवाद और परिचर्चा : बड़वानी क्षेत्र से संबंध रखने वाले 1990 से पुलिससेवा में कार्यरत और वर्तमान में कनाडिया थाना प्रभारी श्री जेपी जमरे से  मुलाकात की गई । परिचर्चा में थाना प्रभारी कनाडिया  द्वारा पुलिस प्रशासन और आम जनता के बीच समन्वय के साथ साथ अन्य विषयों पर भी उन्होंने अपने विचार व्यक्त किए ।
1. सवाल - पुलिस कमिश्नर प्रणाली को नए बदलाव के लिए कैसे देखते हैं?
जवाब :- पुलिस कमिश्नर की प्रणाली में एकदम से बदलाव आने में समय लगेगा, अधिकारी कर्मचारी  एवं जनता को बदलने में भी समय लगेगा, इसके बदलाव से जनता को अवश्य लाभ होगा l
2. सवाल :-  आपके क्षेत्र में अपराध बढ़े हैं या कम हुए हैं ?
 जवाब :- कुछ अपराधों में बढ़ोतरी हुई है कुछ में कमी भी आई है, मोटरसाइकिल चोरी आदि की घटनाएं अधिक हुई है जैसे नकब जनी चैन स्नैचिंग l इन से अधिक महत्वपूर्ण यह है कि जो अपराध  कम हुए हैं उनमें हत्या होना, हत्या के प्रयास करना , इसके बावजूद थाने की पूरी टीम ने मिलकर आरोपियों को ट्रेस किया l
3.  सवाल :- इनमें कोई खास उल्लेख..
 जवाब :- मोटरसाइकिल चोरी में नंबर के आधार पर आरोपी को ट्रेस किया गया मोटरसाइकिल की 8 घटनाएं उसमें 100% सफलता मिली और वह  सिर्फ नंबर के आधार पर ट्रेस किया गया फुटेज का सहारा भी लिया गया जिसमें आरोपी को घर से पकड़ा गयाl
4. सवाल :- आम जनता में पुलिस की नकारात्मक छवि है क्या ऐसा आप मानते हैं?
 जवाब :- पुराने जमाने की फिल्मों में पुलिस को नकारात्मक छवि के रूप में ज्यादा दिखाया गया अच्छे से ज्यादा खराब वाला चेहरा दिखाया गया... एक दौर था जब पुलिस विभाग में कम पढ़े लिखे लोग भी हुआ करते थे l तब और आज के पुलिस कर्मचारियों में काफी अंतर है, आज की तारीख में सिपाही भी कम से कम ग्रेजुएट शिक्षित और कंप्यूटर शिक्षा का ज्ञान रखने वाला  है सामुदायिक पुलिस का एक नया रूप जनता के सामने आ रहा है, सकारात्मक सोच के साथ सहयोग की भावना भी पुलिस पूरे मन से करती है 100 डायल की सेवा के माध्यम से भी पुलिस ने अपनी अच्छी छवि बनाई है l आजकल सब जगह सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, कंप्यूटर पढ़ाई का भी असर दिखाई देता है,हाल ही में लकीर के फकीर की इमेज से बाहर आने का एक अच्छा प्रयास पुलिस विभाग ने किया है l आखिर पुलिस वाले भी तो इंसान ही होते हैं संवेदनाओं का भी समावेश होता है l इसलिए मैं इस बात से सहमत नहीं हूं कि पुलिस की नकारात्मक छवि जनता में है l
5. सवाल :- परेशान और पीड़ित व्यक्ति के आसानी से आप तक पहुंच नहीं है क्यों...?
 जवाब :- हम अगर आज की बात करें तो आज पुलिस तक आसानी से आम जनता और पीड़ित व्यक्ति पहुंच रहा है, सीएम हेल्पलाइन आदि ऐसी व्यवस्था है कि शीघ्र कार्यवाही होती है, बल्कि मैं तो कहूंगा कि आज की तारीख में पुलिस फरियादी तक पहुंच रही है  और समस्या का समाधान करने का प्रयास करती है l
6. सवाल :- आप के कार्यकाल की कोई बड़ी उपलब्धि?
 जवाब :- मेरे कार्यकाल में मुख्य रूप से लूट आदि पर लगाम कसी है, हत्या जैसे अपराध में भी  कमी आई है l लगातार पूरी टीम के सहयोग से लूट और डकैती के  मामलों में सफलता प्राप्त की है l एक हत्या के मामले में सूचना प्राप्त होने के 12 घंटे में सफलता प्राप्त की अपराधी को पकड़ा गया l भगवंती बाइ पति आशा राम कुमावत तलवाड़ा डैम बड़वानी  की रहने वाली जो विराट नगर मूसाखेड़ी मैं रहती थी सुबह 7:30 बजे सूचना मिली और शाम को 7:30 बजे के लगभग पूरी टीम के सहयोग से अपराधी को पकड़ा गया l
7. सवाल :- शासन प्रशासन और आम नागरिकों के बीच आप का तालमेल कैसा है?
 जवाब :- मैं तो यह मानता हूं कि आवश्यकता के समय जनता पुलिस से सहयोग की अपेक्षा करती है, और पुलिस भी उनका समय-समय पर सहयोग करते हैं त्योहार पर जनता के सहयोग की पूरी कोशिश रहती है, इसमें जनता का सहयोग भी पूरा मिलता है जनता के सहयोग से ही अपराध को भी कम किया जा सकता है शासन प्रशासन और जनता के बीच हमने पूरा तालमेल बैठाने का प्रयास किया है l
8. सवाल :- खाकी का खौफ अपराधियों पर कितना है?
 जवाब :- बदमाशों और अपराधियों पर पुलिस का खौफ होना चाहिए.. डर अपराधियों पर होना ही चाहिए, आम जनता में हमारे प्रति आत्मविश्वास होता है और यही हमारे लिए कड़ी परीक्षा हैऔर इस पर हम खरा उतरने का प्रयास करते हैं  l मैं आम जनता को यह संदेश देना चाहता हूं कि आम जनता के बिना पुलिस सफलता प्राप्त नहीं कर सकती है जनता का सहयोग निश्चित रूप से हमें मिले तो हम जनता की अपेक्षा पर खरे उतर सकते हैं l
 हमारे अखबार की पंचलाइन "सतर्क रहें- सजग रहें अभियान" पर आप क्या कहना चाहेंगे ?
जवाब :- बीमारी से बचाव के लिए सतर्क रहना है जो सजगता के साथ जरूरी है...! आजकल फोन के माध्यम से जो धोखे हो रहे हैं उस पर भी सतर्क रहना अनिवार्य है, आजकल नया तरीका अपराधियों ने अपनाया है, वर्तमान बीमारी के नाम पर आपको फोन किया जाता है कि अपने वैक्सीन का दोनों डोज लगाया कि नहीं, डोज लगाने के लिए बुक करना पड़ेगा, इसमें पढ़ा लिखा आदमी भी धोखा  खा जाता है ...OTPनंबर पूछ कर पैसे का धोखा हो रहा है l इससे भी आम नागरिक को सजग रहना है और सतर्क रहना है यही सतर्क रहें सजग रहै अभियान की सार्थकता है l

प्रस्तुति - एल.एन. उग्र