एल.एन. उग्र
यही दौर है जब कांग्रेस इंदौर में अपने पैर जमा सकती है... लंबे समय से हार-हार कर...हार का रिकॉर्ड बनाने वाली... कांग्रेस के पास है इस बार अवसर...जब वह जीत का इतिहास लिख सकती है...सबसे पहले तो एक हंसमुख...और निर्विवाद प्रत्याशी... फिर सर्वमान्य उम्मीदवार...और संपन्न प्रत्याशी के रूप में...संजय शुक्ला कांग्रेस की ओर से... इंदौर नगर निगम चुनाव में महापौर प्रत्याशी हैं... ।
अच्छी बात यह भी है कि...अभी भाजपा कई प्रकार के नेताओ-कार्यकर्ताओ के समन्वय में उलझी है... कांग्रेस के पास पर्याप्त समय भी... जी और जान लगाकर... इस बार जमीनी लड़ाई में... फतह करने का संकल्प लेना होगा... सारे मतभेद भूलकर... जीत का लक्ष्य रखना होगा... हर कार्यकर्ता का मान रखना होगा... बड़ों का सम्मान रखना होगा...कोई छूटे ना यह ध्यान रखना होगा...यह चुनाव अग्निपरीक्षा समान होगा... क्योंकि लंबे समय से...कांग्रेस परिदृश्य से ओझल है...मतदाता भी संभवतः परिवर्तन की चाह रखता होगा... इसलिए इतिहास यदि है बदलना...मानसिकता होगी अब बदलना... कंधे से कंधा होगा मिलाना... जी तोड़ करना होगी मेहनत...और सच्चे मन से यदि हो गई मेहनत... तो वह दिन दूर नहीं...जब इंदौर जैसे महानगर को...कांग्रेस का महापौर मिल सके... और जीत का सेहरा बंदे बंधे...संजय शुक्ला को... सेहरा बंधेगा भले ही संजय शुक्ला को... पर जीत होगी कांग्रेस की... कार्यकर्ता की... हालांकि दबी जुबान से यह भी चर्चा आती है... कि संजय शुक्ला की पारिवारिक पृष्ठभूमि... भाजपा की है... बड़े भैया एक बड़ा नाम है भाजपा का... ब्राह्मण समाज का भी बड़ा नाम है... फिर भी हम तो यही कामना करते हैं कि... इस बार महापौर के रूप में जीत मिले कांग्रेस को...और सेहरा वंधे जीत का... संजय शुक्ला को... ।
बात मुद्दे की
जीत का सेहरा बंध सकता है संजय शुक्ला को...?
- 17 Jun 2022