- इंदौर में जारी है खाद्य पदार्थ विक्रय
- लाइसेंस बनाने का अभियान भी जारी
- अब तक बनाए जा चुके हैं 15 सौ लाइसेंस
- अगले माह से शुरू होगी चालानी कार्रवाई
- 700 से अधिक लिए सेंपल
इंदौर @ DGR
कॉविड संक्रमण काल के चलते खाद्य पदार्थों की ओर संबंधित विभाग वक्र दृष्टि जमा चुका है दूषित खाद पदार्थों से जनता को बचाने के लिए लगातार खाद्य पदार्थों के नमूने भी एकत्रित किए जा रहे हैं वही लाइसेंस बनाने का कार्य भी अब तेज हो चुका है।
केंद्र सरकार के आदेश पर इंदौर के खाद्य औषधि विभाग द्वारा खाद्य पदार्थ विक्रय के लाइसेंस बनाने के लिए एक माह का विशेष अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत अब तक 15 सौ से अधिक लाइसेंस बनाए जा चुके हैं। अधिकारियों द्वारा शहर के अलग-अलग व्यापारिक क्षेत्रों में शिविर लगाकर खाद्य पदार्थों के नमूने लेने के साथ लाइसेंस भी बनाए जा रहे हैं। सरकार द्वारा यह अभियान इसलिए चलाया जा रहा है ताकि सभी व्यापारियों के पास खाद्य विक्रय लाइसेंस उपलब्ध रहें। साथ ही खाद्य औषधि विभाग के अधिकारियों द्वारा मौके पर लाइसेंसों का नवीनीकरण भी किया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि दस दिनों में अभी तक 1500 से अधिक लाइसेंस बन चुके हैं। पूरे माह लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया जारी रहेगी।
अधिकारियों ने बताया कि अगले माह से बिना लाइसेंस के व्यापार करने वालों के खिलाफ चालानी कार्यवाही की जाएगी। संस्थान तक को भी सील किया जा सकता है। खाद्य औषधि विभाग की टीमों ने अलग-अलग व्यापारिक क्षेत्रों से अभी तक 700 से अधिक सेंपल लिए है, जिन्हें जांच के लिए भोपाल प्रयोगशाला भेजा गया है। गौरतलब है कि कोरोनावायरस के चलते खाद्य पदार्थों की शुद्धता पर विशेष ध्यान देने के आदेश शासन की ओर से बार-बार जारी किए जाते रहे हैं।