DGR विशेष@घनश्याम परमार
खाचरोद में भू माफिया बेखौफ होकर शासकीय भूमि पर कब्जा करके कॉलोनी बनाकर करोड़ों रुपए का मुनाफा कमाने की तैयारी कर रहे हैं प्रशासन की नाक के नीचे तहसील कार्यालय खाचरोद से 500 मीटर की दूरी पर और खाचरोद पुलिस थाने के सामने कभी उक्त भूमि जिनिंग फैक्ट्री के रूप में शासन द्वारा लीज पर दी गई थी।
सर्वे नंबर 956 की शासकीय भूमि जिस पर इंद्रमल पिता टेकाजी जाति महाजन द्वारा उक्त भूमि पर वर्षों पहले जिनिग फैक्ट्री लगाकर अपना व्यवसाय चलाया जाता था । इन्द्रमल की मृत्यु के बाद उक्त भूमि वर्षों से रिक्त पड़ी थी लेकिन भू माफियाओं की नजर से नहीं बच सकी।
शहर के मध्य भूमि सर्वे नंबर 956 पर अब आदिनाथ इंटरप्राइजेज भागीदार भूपेन्द्र पिता मिश्रीलाल, विजया पति हीरालाल ,हीरालाल पिता शंकर लाल ,हर्ष पिता हेमंत, हेमंत पिता जयंतीलाल, निशा पति देवेंद्र, देवेंद्र पिता सरदार मल, नीतु पति आशीष मूणत जाति जैन निवासी खाचरोद द्वारा सीमेंट कंक्रीट की सड़क और विशाल पानी की टंकी बनाकर कॉलोनी का स्वरूप दिया जा कर , करोड़ों रुपए मुनाफा कमाने की योजना बनाकर अब 10 बीघा शासकीय भूमि पर कब्जा कर लिया गया है लेकिन रजिस्ट्री और नामांतरण कैसे हुआ यह अभी तक नगर की जनता के बीच रहस्य बना हुआ है।
साथ ही शासकीय भूमि पर कॉलोनी बनाने से पूर्व डायवर्सन की अनुमति देने वाले भी तो शासन में बैठे अधिकारी ही है। यानी 100% बात सही है की अंधा कानून है इस संबंध में घनश्याम परमार द्वारा नगरहित में आवाज बुलंद करते हुए कलेक्टर, कमिश्नर, मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव और रेवेन्यू बोर्ड मोती महल ग्वालियर तक पत्राचार करके शिकायत की गई है । लेकिन शिकायत के बाद भी करोड़ों रुपए की शासकीय भूमि पर अवैध रूप से करवाया गया नामांतरण अभी निरस्त नहीं किया गया है ।
उल्लेखनीय है कि उक्त भूमि के संबंध में खाचरोद शहर के लोगों द्वारा दबी जुबान से कई प्रकार की बातें हो रही है। साथ ही यदि सर्वे नंबर 956 की शासकीय भूमि शासन के कब्जे में नहीं हुई तो जनहित में घनश्याम परमार द्वारा उच्च न्यायालय की शरण में जाकर उक्त भूमि को भू माफियाओं के उसके चंगुल से मुक्त कराकर शासन के हित में फैसला करवाना का प्रयास भी किया जाएगा ।