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इंदौर

मामला एमवाय अस्पताल का : मेडिसिन विभाग में लगी मरीजों की लंबी कतारें

  • 23 Feb 2020

सीनियर डॉक्टर ड्यूटी समय खत्म होने से पहले हो जाते हैं नदारद
इंदौर। बदलते मौसम ने कई को बीमारियों ने जकड़ लिया है। सबसे ज्यादा खांसी, जुकाम और वायरल के मरीज हैं। निजी अस्पतालों ने खुली लूट और शासकीय अस्पतालों में इलाज नहीं होने के कारण हर मरीज एमवाय अस्पताल का रुख कर रहा है। सबसे ज्यादा मरीज मेडिसिन विभाग की ओपीडी में पहुंच रहे हैं। मेडिकल कॉलेज डीन ज्योति बिंदल के निर्देश पर अस्पताल प्रबंधन ने मेडिसिन विभाग में सीनियर्स डॉक्टरों की संख्या भी बढ़ाई है।
इन सीनियर्स डॉक्टरों की संख्या बढऩे के बाद भी मरीजों को इनका फायदा नहीं मिल रहा है। क्योंकि कुछ सीनियर समय के पाबंद नहीं हैं और वह रात  बारह बजे ही उठकर चले जाते हैं।  यहां तक  कि  इनके आने का  समय भी निश्चित नहीं है, जबकि ओपीडी का समय सुबह साढ़े आठ बजे से दोपहर दो बजे तक है। वैसे तो एमवाय की ओपीडी में प्रतिदिन ही मरीजों का तांता लगा रहता है। ओपीडी सैकड़ों  तक  पहुंच जाती है। इसमें सबसे ज्यादा मरीज मेडिसिन विभाग में रहते हैं। यह अंदाजा कतार देखकर लगाया जा सकता है।
डॉक्टरों पर कसना होगी नकेल
मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को लापरवाह सीनियर डॉक्टरों पर नकेल कसना होगी और इन पर यह सख्ती करना होगी कि यह सुबह साढ़े 8 बजे आएं और दोपहरप दो बजे ही उठकर ओपीडी से जाएं। अभी यह कोई भी बहाना कर अस्पताल से बाहर चले जाते हैं।
सीनियर डॉक्टरों को देखना होंगे मरीज
अभी मरीज ओपीडी पहुंचकर लंबी कतार लगाते हंै और सबसे पहले जूनियर डॉक्टर को दिखाते हैं। जूनियर डॉक्टर अगर कोई गंभीर होता है तो उसे सीनियर के पास भेजते हैं, जबकि नियम यह है कि जितने भी डॉक्टर बैठे हैं उन सभी को बारी -बारी से मरीज देखना चाहिए। अगर यह ऐसा करते हैं तो अभी जो लंबी कतार लग रही है, वह कतार दोपहर दो बजे के पहले ही समाप्त हो सकती है।
पूर्व के जिम्मेदारों ने कसी थी नकेल  
पूर्व मेडिकल कॉलेज डीन डॉ.  शरद थोरा एवं अधीक्षक डॉ. वीएस पाल ने लापरवाह सीनियर, अन्य स्टाफ पर नकेल कसी थी। यह दोनों सुबह 8 बजे आकर ओपीडी में जाकर बैठ जाते थे और सभी की एक गेट से एंट्री कराते थे, जो डाक्टर स्टाफ लेट होता था, उस पर कार्रवाई करते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होता। इधर अब अधीक्षक डॉ. पीएस ठाकुर से उम्मीद की जा रही है कि वे लापरवाह डॉक्टरों की हर हरकत डीन को बताएं ताकि उन पर सख्त कार्रवाई की जा सके।