Highlights

DGR विशेष

मामला पुलिस विभाग का : तबादलों के बाद भी नहीं छोड़े आवास

  • 21 Feb 2021

दूसरे शहर में चलेे गए, लेकिन नहीं खाली कर रहे मकान
इंदौर। देश भक्ति जनसेवा की शपथ लेकर पुलिस विभाग में आने वाले कुछ पुलिसकर्मी अपने ही विभाग के साथी कर्मियों के लिए परेशानी का सबब बने हुए है। दरअसल इनके स्थानांनतरण काफी समय पहले हो चुके और ये दूसरे शहरों में जाकर ड्यूटी भी कर रहे हैं, लेकिन इंदौर का मोह इनसे फिर भी नहीं छूट रहा और अभी तक इन्होंने शासकीय आवास खाली नहीं किए, जिसके चलते दूसरों को यह आवास नहीं मिल पा रहे।
पुलिस विभाग में थाना प्रभारियों और पुलिसकर्मियों को उनकी सुविधा के लिए शासन की ओर से आवास आवंटित किए जाते हैं। वहीं नियमानुसार हर तीन साल में एक ही जगह पर जमे अधिकारी और पुलिसकर्मियों को स्थानांतरण कर दिया जाता है, लेकिन देखने में आ रहा है कि शहर में कुछ पुलिसकर्मी ऐसे हंै, जिनका स्थानांनतरण तो हो गया और वह दूसरे शहर में भी चले गए ,लेकिन अभी भी इंदौर का मोह नहीं छोड़ते हुए शासकीय मकान पर कब्जे जमाए बैठे हैं।
यह है नियम
नियम तो यह कहता है कि यदि शासकीय सेवा के दौरान किसी अधिकारी की मौत होती है या उसका स्थानांनतरण होता या फिर सेवा से पृथक किया जाता है, तो उसे उक्त आवंटित आवास को एक समय अवधी के अंदर खाली करना चाहिए।
कई बार शिकायत के बाद भी ध्यान नहीं
बताया जाता है कि जिन पुलिसकर्मियों को वर्तमान में आवास की आवश्यकता है। उनके द्वारा शिकायत करते हुए वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में यह बात लाई गई है कि जिन अधिकारियों या पुलिसकर्मियों के यहां से तबादले हो गए हैं, अभी शासकीय आवासों पर उनका ही कब्जा है। इसके बाद भी यह आवास खाली नहीं किए गए हैं।
अनेक को  बेदखली का नोटिस
तबादले के बाद भी सरकारी मकान पर कब्जा जमाए बैठे पुलिसकर्मियों को भाड़ा नियंत्रक अधिकारी और एसडीएम जूनी इंदौर अंशुल खरे ने बेदखली का नोटिस जारी किया है। इसके पहले भी सरकारी मकान खाली करने के लिए नोटिस जारी किया था, पर कब्जेधारियों ने मकान खाली नहीं किया और अब प्रशासन उन्हें बेदखल करने की कार्रवाई कर रहा है। रिटायर्ड और तबादले होने के बाद सरकारी मकान खाली करने को तीन नोटिस जारी हुए, पर उसके बाद भी सरकारी मकान खाली नहीं किया, तब उप पुलिस अधीक्षक अजीतसिंह चौहान ने भाड़ा नियंत्रक अधिकारी और एसडीएम अंशुल खरे को मकान खाली करवाने की बेदखली के लिए पत्र लिखा था। बेदखली के साथ ही कब्जाधारियों से किराया भी वसूल किया जाएगा। एसडीएम कोर्ट से बेदखली के लिए नोटिस जारी किए गए हैं। पहली बार 21 जुलाई 2020 को नोटिस जारी किए गए थे, पर लॉक- डाउन के कारण कार्रवाई नहीं हो पाई थी।