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चिंतन और संवाद

मोरारी बापू : रामकथा मानस मंदिर

  • 24 Apr 2021

तलगाजरड़ा का अर्थ ये है मंदिर का..... मं...दि...र....
मं ...यानि  मंत्र..... मंत्र का अर्थ हमारी आध्यात्मिक परंपरा में तो राम मंत्र... शिव मंत्र... कृष्ण मंत्र ...दुर्गा माँ  का मंत्र ...गणेश मंत्र... हनुमान जी का मंत्र ...चतुर्भुज नारायण विष्णु और महालक्ष्मी का मंत्र ....ये तो है ही.....
लेकिन मंत्र का एक अर्थ ये भी होता है कि परिवार के लोग साथ मिलकर कोई निर्णय करने के लिए जो विचारणा करें ....मंत्र का एक अर्थ है विचार... कि ऐसा करें तो... ऐसा करें तो ....
मं ...माने मंत्र....
दि ... का अर्थ दीक्षा ... दीक्षित हुए... और 
र ..यानि रहना.....
जिस स्थान में मंत्र से दीक्षित हुए लोग रहते हो..उस स्थान को मंदिर कह सकते है..
४अच्छे विचारों से... किसी बुद्धपुरुष के विचार... अपने गुरु के विचार ...शास्त्रों के विचार... उस विचार की दीक्षा लेकर जो समूह ...चार-पांच लोग ऐसी जगह निवास करते हो ....उसका नाम मंदिर....
४मंदिर का एक अर्थ ये भी होता है जहां सदवार्ता ... परहित... विश्वमंगल ...और सब की तरफ सद्भाव ....और सबका स्वीकार.... ऐसा वर्तन जिस जगह होता हो उसका नाम भी मंदिर है ....
मेरी समझ इतने परिभ्रमण के बाद ये बनी है गुरु कृपा से...
कि जहां मंदिर हो वहां तीन वस्तु बहुत जरूरी है.... फिर चाहे वह अध्यात्म मंदिर हो... कि आरोग्य मंदिर हो.... कि विद्या मंदिर हो ....कोई भी मंदिर हो.... जो सेवा व्रती हो ..... जिस स्कूल में जागरूक शिक्षक अपनी परिपूर्ण कर्तव्य बुद्धि से बच्चों को पढ़ाए.....तो वो शारदा मंदिर है......
४अध्यात्म मंदिर हो वहां .1.व्यवस्था जरूरी है...2. अवस्था जरूरी है ... एक आदमी अवस्था वाला होना चाहिए.... प्रौढ़... पका हुआ.... छोटी-छोटी बातों में जो विचलित ना हो.... धीर ...गंभीर ...ऐसा एक महापुरुष होना चाहिए...3.आस्था जरूरी है.... आस्था तो नींव है... आस्था मतलब एक प्रकार का भरोसा.. अव्यभिचारिणी भरोसा..एक दृढ भरोसा.. 
४जिस धार्मिक स्थान में... जिस आध्यात्मिक स्थान में वस्तु बेची ना जाए.... बाँटी जाए ...उसका नाम मंदिर...
आरोग्य मंदिर में भी ...1. सुचारू व्यवस्था की जरूरत है.. 2. आरोग्य संस्था को हम इस तरह ीि५ी’ङ्मस्र करें कि उसकी अवस्था देखकर लोगों को लगे कि यहां कोई चिंता करने जैसा नहीं...3.  कोई तत्व पर आस्था होनी चाहिए ....फिर चाहे वह निराकार हो ...कि साकार हो ....कोई हो जिस पर हमारी आस्था हो......
४जिस आरोग्य संस्था में दरिद्र को देव मानकर.... सम्मान के साथ उसकी चिकित्सा हो.... तो वो मंदिर है....
प्रस्तुति- पुष्पेंद्र पुष्प